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जा के परदेशवा में भुला गइल राजाजी..

उमगा महोत्सव में सुर संग्राम के विजेता मोहन राठौर ने शनिवार को गायकी का जलवा बिखेरा। मोहन के गीत के दर्शक दिवाने हो गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 03:04 AM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 03:04 AM (IST)
जा के परदेशवा में भुला गइल राजाजी..
जा के परदेशवा में भुला गइल राजाजी..

औरंगाबाद। उमगा महोत्सव में सुर संग्राम के विजेता मोहन राठौर ने शनिवार को गायकी का जलवा बिखेरा। मोहन के गीत के दर्शक दिवाने हो गए। मोहन राठौर ने गायकी की शुरुआत आजा शेरवा पे होके सवार ऐ मइया गीत से की। इसके बाद निमिया के डाढ़ मइया, लागेली असनवा की झूली-झूली ना के गीत पर दर्शक झूमने लगे। मोहन ने भोजपुरी गीत जा के परदेशवा में भुला गइल राजाजी की प्रस्तुति दी तो दर्शक अपनी जगहों पर थिकरने लगे।दर्शक दीर्घा से वनस मोर वनस मोर की आवाज आने लगी। मोहन ने इसके बाद भोजपुरी गीतों की बरसात कर दी। डललू न दाल में फोरनवा, रहे कहां ध्यनवा ए गोरी एवं दुनिया सीखी हमनी से यारी, हित प्रेम दिलदारी गीत पर दर्शक झूमने लगे। मोहन ने जब दिल धड़कता केहू के प्यार में गीत की प्रस्तुति दी तो दर्शक अपनी जगहों पर झूमने लगे। भोजपुरी गीत गवना कराई पिया, घर बइठवले हो की चली रे गइले ना एवं जात आवत में देर ना लागी, प्यारी देश तनी देखे द हमके ने माहौल को खुशनूमा बना दिया। मोहर राठौर ने जब सीआरपीएफ जवानों के साथ कर्मा फिल्म का गीत दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए गाया तो दर्शकों में देशभक्ति का जज्बा उमड़ पड़ा। मोहन राठौर ने होली गीत सदा आनंदा रहे यही द्वारे, मोहन खेले होली हो गाया तो दर्शक झूमने लगे। मोहन ने देवरा बाटे खुराफाती, पाती पढ़के अइह गीत की प्रस्तुति दी तो दर्शकों के साथ विधायक एवं अधिकारियों ने भी तालियां बजा हौसला बढ़ाया। मोहन ने कहा कि औरंगाबाद आना हमें अच्छा लगा। आप जब भी हमें बुलाएंगे मैं आपके बीच हाजिर रहूंगा।


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