मशीन जलाने मामले में तीन नक्सली गिरफ्तार
बंदेया थाना पुलिस ने नहर खुदाई कार्य में लगे पोकलेन मशीन को जलाने की घटना ।
औरंगाबाद। बंदेया थाना पुलिस ने नहर खुदाई कार्य में लगे पोकलेन मशीन को जलाने की घटना में कार्रवाई करते हुए तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तीनों को बुधवार को दाउदनगर कोर्ट में रिमांड किया जहां से सभी को जेल भेज दिया है। गिरफ्तार नक्सलियों में बंदेया थाना के चपरा गांव का शैलेश यादव, गोह थाना के एकौनी गांव निवासी अखिलेश यादव एवं पौथू थाना के बनाही गांव का सरयू राम शामिल है। एसपी डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि गिरफ्तार तीनों नक्सली पोकलेन मशीन जलाने मामले में शामिल हैं। पूछताछ के बाद पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया है। घटना में करीमन यादव, जयराम यादव एवं वीपीन शर्मा की संलिप्तता सामने आया है। तीनों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। एसपी ने बताया कि लेवी के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। घटना के बाद से नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। इस घटना में शामिल दो अन्य नक्सली चतरा गांव के अर्जुप पासवान एवं लाला मिस्त्री को गिरफ्तार कर मंगलवार को जेल भेजा गया है। बता दें कि 15 जून 2017 की रात्रि में भाकपा माओवादियों ने मलहद गांव के पास नहर की खुदाई कार्य में लगे मशीन को जला दिया था। नक्सलियों ने घटनास्थल पर पर्चा छोड़ा था जिसे पुलिस ने बरामद की थी।
मशीनों का सुरक्षा करेंगे पुलिसकर्मी
जिले में सड़क अथवा अन्य सरकारी कार्यो में लगे जेसीबी, पोकलेन एवं अन्य मशीन अब कार्यस्थल पर रात्रि में नहीं खड़ा होंगे। एसपी ने इस बाबत सभी थानाध्यक्षों को पत्र भेज मशीनों को रात्रि में थाना परिसर अथवा थाना के पास लगाने का निर्देश दिया है। कार्य समाप्ति के बाद संवेदकों के द्वारा मशीनों को रात्रि में कार्यस्थल पर नहीं छोड़ा जाएगा। बंदेया थाना क्षेत्र में नहर कार्य में लगी पोकलेन मशीन को नक्सलियों के द्वारा जला देने की घटना के बाद एसपी ने यह आदेश निर्गत किया है। रात्रि में थाना के पास लगने वाली मशीनों की सुरक्षा थानाध्यक्ष करेंगे। थानाध्यक्ष इस आदेश का पालन कराना सुनिश्चित करेंगे।
जंगल में सीआरपीएफ ने पकड़ा घोड़ा
औरंगाबाद : जिला पुलिस के साथ सीआरपीएफ के द्वारा दो दिनों से भाकपा माओवादी नक्सलियों के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान जवानों ने बुधवार को पचखेरी जंगल से एक घोड़ा को पकड़ा। घोड़ा के पकड़े जाने के बाद जांच शुरू हुई। जवानों को यह संकेत मिला की यह घोड़ा इस इलाके के नक्सलियों के बड़े नेता संदीप की हो सकती है। बताया गया कि जंगल में सफर करने के लिए संदीप घोड़ा की सवारी करता है। बाद में सूचना मिली कि घोड़ा किसी ग्रामीण का है तो पुलिस ने उसे जंगल में छोड़ दिया। एएसपी अभियान राजेश कुमार ¨सह ने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान घोड़ा पकड़ा गया था। जांच के बाद उसे छोड़ दिया गया है।