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जानलेवा बन रही जीवन की लाइफ लाइन

औरंगाबाद । मानव जीवन की लाइफ लाइन माने जाने वाली सड़कों पर मौत का तांडव नाचती रहती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 May 2017 03:03 AM (IST)Updated: Mon, 22 May 2017 03:03 AM (IST)
जानलेवा बन रही जीवन की लाइफ लाइन
जानलेवा बन रही जीवन की लाइफ लाइन

औरंगाबाद । मानव जीवन की लाइफ लाइन माने जाने वाली सड़कों पर मौत का तांडव नाचती रहती है। विभागीय उदासीनता एवं वाहन चालकों की लापरवाही से हर दिन हादसे हो रहे हैं। जीटी रोड से लेकर अन्य हाइवे पर अनियंत्रित रफ्तार लोगों के मौत का कारण बन रही है। इसके बावजूद परिवहन विभाग के अधिकारी एवं हाइवे पेट्रो¨लग दल ऐसे परिचालन के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। सड़कों पर नाबालिग चालकों के द्वारा बाइक एवं कार दौड़ाते देखा जा सकता है। कुछ चालकों के एक हाथ में मोबाइल पर बात करते तो दूसरी हाथ में स्टेय¨रग पकड़कर वाहनों को दौड़ाते हुए देखा जाता है। बिना लाइसेंस के भी चालक वाहन सड़क पर दौड़ाते हैं। ऐसे चालक दुर्घटना को अंजाम देते हैं। 12 दिसंबर 2016 को जीटी रोड पर मुफस्सिल थाना के ओरा गांव के पास जीटी रोड पर खराब पड़े ट्रक में पीछे से डस्टर कार की हुई टक्कर में पांच लोगों की मौत हुई थी। इस हादसे में जीटी रोड के पेट्रो¨लग पार्टी एवं मुफस्सिल थाना पुलिस की लापरवाही उजागर हुई थी की खड़े ट्रक को जीटी रोड से नहीं हटाया गया था। इसी दिन घटनास्थल पर ही युवक को अनियंत्रित ट्रक में कुचल दिया था जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई थी। ओबरा थाना के कारा मोड़ के पास दो सेविकाओं को अनियंत्रित बोलेरो ने टक्कर मारी दी थी जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई थी। एक माह पहले जीटी रोड पर बारुण थाना के टेंगरा गांव के पास जीटी रोड पार कर रहे युवक को ट्रक ने रौंद दिया था। करीब चार माह पहले एनएच-139 पर चित्रगोपी मोड़ के पास रेलवे स्टेशन जा रही बस ने खड़े ट्रक में टक्कर मार दी थी जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी। दर्जनों यात्री घायल हुए थे। घटनाओं से अनुमान लगाया जा सकता है कि सड़कों पर मौत का सिलसिला थमने के बजाए बढ़ते जा रहा है।


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