बिहार में डॉक्टर ने सर्जरी के बहाने निकाल ली महिला की किडनी, जानिए
बिहार के औरंगाबाद में एक महिला ने डॉक्टर पर सर्जरी के बहाने किडनी निकालने का आरोप लगाया है। पीडि़त महिला ने इस मामले में डीएम से गुहार लगाई है।
औरंगाबाद [जेएनएन]। बिहार के औरंगाबाद जिला के जम्होर थाना के तेलडीहा गांव निवासी नाथुन राम की पत्नी कलावती देवी ने जीटी रोड कथरूआ में निजी क्लीनिक चला रहे डॉ. आसित रंजन पर किडनी निकालकर बेचने का आरोप लगाया है।
गुरुवार को कलावती पति के साथ डीएम कंवल तनुज के पास पहुंची। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने सिविल सर्जन डॉ. आरपी सिंह को तलब किया। उन्होंने लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी गजेंद्र मिश्र को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
सिविल सर्जन और डॉ. विनय कुमार ने महिला के इलाज के सभी कागजात की जांच की। जांच में पाया गया कि 4 जुलाई 2016 को महिला डॉ. पुष्पेंद्र के एसडी अस्पताल में भर्ती हुई। 10 जुलाई 2016 को वह डॉ. आसित के अस्पताल पहुंची। यहां15 जुलाई को महिला का ऑपरेशन कर 25 को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद महिला की हालत बिगड़ती चली गई।
इसके बाद 12 जून 2017 को रफीगंज में अल्ट्रासाउंड कराया। इसमें पता चला कि दाहिनी तरफ की किडनी नहीं है। इसके बाद महिला ने गया स्थित मगध मेडिकल कालेज में अल्ट्रासाउंड कराया। इसमें भी किडनी गायब थी। ये शिकायत लेकर महिला डॉ. आसित के पास गई तो उन्होंने डेहरी में सीटी स्कैन के लिए भेजा।
सीटी स्कैन में किडनी को बहुत छोटी बताया गया। महिला का आरोप है कि डॉ. ने सीटी स्कैन की रिपोर्ट प्रभावित कराई है। सारे कागजात की जांच के बाद अधिकारियों ने किसी सरकारी अस्पताल में सीटी स्कैन कराने और उसमें किडनी गायब मिलने पर कार्रवाई की बात कही।
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डीएम ने कहा कि डॉ. आसित एवं उनकी पत्नी डॉ. मणि पर 20 दिन पहले भी एक महिला ने ऑपरेशन के दौरान नस काटने का आरोप लगाते हुए एसपी को आवेदन दिया था। इस मामले में नगर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। वहीं डॉ. आसित रंजन ने कहा कि यह सब मुझे बदनाम करने की साजिश है। औरंगाबाद में किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था नहीं है। कोई चिकित्सक किडनी निकालकर क्या करेगा?
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