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एलपीसी बनाना किसानों के लिए मुश्किल

औरंगाबाद । धान खरीदारी का तय लक्ष्य प्राप्त कर लेना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। इससे अधिक

By Edited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 06:40 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 06:40 PM (IST)
एलपीसी बनाना किसानों के लिए मुश्किल

औरंगाबाद । धान खरीदारी का तय लक्ष्य प्राप्त कर लेना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। इससे अधिक मुसीबत उन किसानों के लिए है जो अपनी फसल बेचना चाहते हैं। कई तरह की पेचिदगियों से किसान और प्रशासन दोनों जूझ रहे हैं। तरारी निवासी संजय कुमार प्रखंड सह अंचल कार्यालय में एलपीसी बनवाने सोमवार को पहुंचे। उन्हें पता ही नहीं है कि एलपीसी बनता कैसे है? बताया कि उन्होंने जब जमीन की राजस्व रसीद कटवाया तो कर्मचारी को जोड़ भी नहीं आया। 101 रुपये की जगह 111 रुपया लिखकर रसीद काट दिया। पैसे देने पड़े। इसी गाव के कमलेश कुमार ने बताया कि 22 फरवरी से एलपीसी बनने को दिया हूं। अभी तक नहीं बना है। नोटरी से बना शपथ पत्र दिया था, अब फ‌र्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट से कराया हुआ शपथ पत्र मांगा जा रहा है। रसीद करेंट चाहिए। वंशावली बनाना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि एलपीसी बनाने के लिए पहले शपथ पत्र में करीब 200 रुपये लग जा रहा है। उसके बाद जमीन का रसीद कटाना पड़ रहा है। इसके बाद आनलाइन करना है। इतना करने के बाद कब मिलेगा यह तय नहीं है। काफी दौड़ना पड़ रहा है। काउंटर पर भीड़ दिखती है।

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धान बेचना है बड़ी मुसीबत : सुजीत

फोटो फाइल - 08 एयूआर 08

दाउदनगर (औरंगाबाद) : किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं। खलिहान में धान पड़ा हुआ है या किसान बाजार में कम दाम पर बेचने को विवश हैं। अंकोढ़ा पैक्स अध्यक्ष सुजीत कुमार उर्फ चुन्नू ने बताया कि पूर्व की अपेक्षा धान खरीदारी के नियम सख्त और पेचीदा बना दिया गया है। 31 मार्च तक धन खरीदना है और अभी तक मात्र 1953 क्विंटल ही धान खरीद सके हैं। बताया कि पूर्वज के नाम पर जमीन है। इसका दाखिल खारिज कराना मुश्किल है। परिवार बंटवारा नहीं चाहता, नियम कहता है कि परिवार की जमीनें बांट लो। हर किसान अपना डिमांड करा ले। कैसे संभव है? इस कारण किसान धान बेचने लायक आवश्यक दस्तावेज तैयार नहीं कर पा रहे हैं तो कैसे धान बेच सकेंगे।

लक्ष्य पूरा करना है चुनौती : सीओ

फोटो फाइल - 08 एयूआर 09

दाउदनगर (औरंगाबाद) : तय लक्ष्य के मुकाबले धान क्रय कर लेना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। 31 मार्च तक धान की खरीदारी करना है। सोमवार को सीओ विनोद सिंह ने बताया कि प्रखंड के लिए 151000 क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। इसके विरुद्ध मात्र 45291 क्विंटल की खरीद हो सकी है। यह काफी कम है। 15 पैक्स और एक व्यापार मंडल धान खरीद रहा है। कहा कि लक्ष्य पूरा करने की कोशिश है और इसमें सफलता मिलेगी। एलपीसी के बारे में बताया कि औसतन एक सप्ताह में विधिसम्मत एलपीसी बनाया जा रहा है।

भाई की संपति भी अपने खाते में

दाउदनगर (औरंगाबाद) : एलपीसी बनाने में परेशानी दो तरफा है। नोटरी से शपथ पत्र में एलपीसी बन जाता रहा है। इस बार इसकी जगह फ‌र्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट से बना मांगा जा रहा है। इसकी वजह है। सीओ ने बताया कि कई मामला ऐसा आया है जिसमें एक ही व्यक्ति ने अपने सगे दूसरे तीसरे भाई के हिस्से की जमीन भी खुद के नाम पर दिखा दिया और एलपीसी निर्गत करा लिया, जिस कारण फ‌र्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट से बनाने को कह जा रहा है। गलत पाए जाने पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

तीन पैक्स का इंफोर्समेंट नहीं

दाउदनगर (औरंगाबाद) : सीओ विनोद सिंह ने बताया कि करमा, कनाप और गोरडीहा के पैक्स अध्यक्षों ने उनसे इंफोर्समेंट के लिए संपर्क नहीं किया है। अर्थात यहा खरीद नहीं हो रहा है। शेष पैक्स महावर, तरार, तरारी, अंछा, अरई, चौरी, अंकोढा, शमशेरनगर, मनार, बेलवा सिंदुआर और संसा के इंफोर्समेंट कटा है।


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