हर जगह ईश्वर का वास : गोविंदाचार्य
संवाद सूत्र, अंबा (औरंगाबाद) : जिस स्थान पर यज्ञ होता है वहा का वातावरण स्वच्छ एवं शातिमय हो जाता
संवाद सूत्र, अंबा (औरंगाबाद) :
जिस स्थान पर यज्ञ होता है वहा का वातावरण स्वच्छ एवं शातिमय हो जाता है। यज्ञ मंडप की परिक्रमा से मन को शाति तो मिलती है दूसरी ओर वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे कई लोग रोग मुक्त भी हुए हैं। उपरोक्त बातें रसोइया गाव मे श्रीसत्यचंडी महायज्ञ सह श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ में यज्ञकर्ता सह झारखंड पीठाधीश स्वामी गोविंदाचार्य महाराज ने धार्मिक उत्सव से फायदा के संदर्भ में कही। बताया कि संतोष, शाति एवं जनकल्याण की भावना हीं मनुष्य का सबसे बड़ी उपलब्धि है। बक्सर से पधारे महात्मा उपेंद्रचार्य ने बताया कि जीव की सेवा बड़ी पूजा है। अयोध्या से आए उदय नारायणाचार्य ने कहा मानव का शरीर पाने के लिए ईश्वर भी लालायित रहते हैं। मनुष्य को अपने जीवन को सर्व हितकारी बनाना चाहिए। स्वामी राघवेंद्राचार्य ने मानस में वर्णित कथाओं से शिक्षा लेने एवं उसके अनुरूप जीवन को ढालने पर बल दिया। शुक्रवार को यज्ञशाला की परिक्रमा में सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं ने भाग लिया। समिति सचिव रामाशीष सिंह, कोषाध्यक्ष पृथ्वीराज सिंह, उपकोषाध्यक्ष विनय कुमार ने बताया कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की कठिनाई न हो इसके लिए समिति कर्तव्यनिष्ठ भावना के साथ लगी है। रात्रि मे प्रवचन के साथ रामलीला का आयोजन किया जाता है। 30 मार्च को भंडारा के साथ यज्ञ की पूर्णाहुति होगी। यज्ञचार्य जयप्रकाश उपाध्याय, आनंद मिश्रा, पैक्स अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, बिंदेश्वर सिंह, अमोद, झूलन का योगदान सराहनीय रहा।