भगत सिंह जिंदा हो तुम नवजवानों में
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : शहीद-ए-आजम भगत सिंह सामाजिक विकास संस्थान द्वारा नगर भवन में सोमव
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : शहीद-ए-आजम भगत सिंह सामाजिक विकास संस्थान द्वारा नगर भवन में सोमवार को उनके जीवन एवं विचार विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इनके साथ राजगुरु, सुखदेव को याद किया गया। उद्घाटन पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने किया। कहा कि इनको फासी साडर्स की हत्या की वजह से नहीं बल्कि इसलिए दी गई क्योंकि उतना बड़ा विद्वान 23 साल की उम्र में पूरी दुनिया में नहीं था। उनकी ब्रेन मैपिंग अंग्रेजों ने और देश के शासकों ने की थी। यह डर हो गया था कि इस युवक को अगर जेल में भी रखा जाएगा, तो देश से गुलामी को भगाने में वह सफल होगा। कहा कि जब समझौते की बात आयी तो गाधी जी को कहा गया कि इसमें भगत की रिहाई की शर्त रखें, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। कहा कि फासी की सूचना के बावजूद जेल में उन्हें कभी डर नहीं लगा। उन्होंने अपनी फासी का राजनीतिक विश्लेषण किया। कहा कि आज भी उनके विचार प्रासंगिक है। उनको माल पहनाओ और उनके विचारों को मारो-यही साजिश चल रही है देश में। गाधी का कद कम करने के लिए इनका नाम लिया जा रहा है। कहा कि गाधी साप्रदायिक विभाजन की राजनीति करने वालों के खिलाफ अनशन तक गए। इनकी ही तरह अगर भगत जिंदा रहते तो उन्हें भी मार दिया जाता। केंद्र सरकार की भूमि अधिग्रहण बिल की जमकर आलोचना की। अनवर हुसैन, डा.शालीग्राम सिंह, धर्मेंद्र कुमार, जनार्दन सिंह, संस्था के अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद सचिव सत्येंद्र कुमार, संजय कुमार सिंह, सुषमा सिन्हा, कुणाल किशोर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मो.शब्बीर अहमद एवं सुखदेव राम ने किया।