धार्मिक आतंकवाद का नया रूप 'लव जेहाद'
संवाद सूत्र, अंबा (औरंगाबाद) : आतंकवाद के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद द्वारा गांवों में जागरण अभियान चला
संवाद सूत्र, अंबा (औरंगाबाद) : आतंकवाद के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद द्वारा गांवों में जागरण अभियान चलाया जा रहा है। विहिप के सदस्यों ने कहा कि लव जेहाद नाम का एक नया धार्मिक आतंकवाद का चेहरा सामने आते ही देश में हलचल मच गयी है। धर्म गुरु अब धर्म का बचाव के लिए सीधे तौर पर सामने आ गए हैं। कुटुम्बा प्रखंड में लव जेहाद के खिलाफ जन जागरण अभियान की शुरुआत की गई है। रसोईया गाव से 'धर्म जागरण समन्वय विभाग' दक्षिण बिहार के सदस्यों द्वारा चलाए गए अभियान में हिन्दू बेटियों को इस्लाम के रास्ते पर ले जाकर धार्मिक चोट करनेवाले लव जेहादियों से निबटने व उससे बचने के लिए प्रत्येक घरों में इस आतंकी संगठन के मनसूबे के बारे में लोगों को बताया जा रहा है। संगठन के अवधेश कुमार सिंह 'काली किंकर' ने बताया कि लव जेहाद के माध्यम से उक्त जेहादी संगठन हिन्दू जनसंख्या घटाकर देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का कुचक्र रच रहे हैं। बताया कि झारखण्ड में एक युवती के संग यह वारदात हुई और तब यह मामला सामने आया। उक्त आतंकी संगठन के सहयोगी के बारे में अभियान में शामिल अन्य लोगों ने बताया कि यह कट्टरपंथी मौलवी, अरब राष्ट्र व दमाअबी इंडियन फ्रेटनिटी के सहयोग से इस कार्य को अंजाम दे रहा है। इस जेहाद में हिन्दू लड़कियों को मोबाइल के माध्यम से, इन्टरनेट से, ब्यूटी पार्लर के माध्यम से, मोबाइल रिचार्ज दुकान से, नौकर बनकर, फेरी लगाकर , विधवा महिला व बिना पुरुष वाले घर को लक्षित कर, सम्मोहन विधि द्वारा, नाम बदलकर, हाथ में मौली बाध और माथे पे तिलक लगाकर कालेज के पास विचरना आदि गतिविधियों के द्वारा प्रलोभन देकर अपनाया जाता है। इन गतिविधियों से हिन्दू समाज को चेतनाशील बनाने को ले अभियान चलाया जा रहा है। विहिप की पत्रिका 'पाचजन्य' में भी एक लेख के माध्यम से इस पर चर्चा है जिसमें आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के उपाध्यक्ष 'मौलाना कल्बे सादिक' ने अपनी स्वीकारोक्ति बयान में कहा है - तालिबानी मानसिकता ने पूरी दुनिया में इस्लाम के नाम पर दहशत फैलाने का जो कार्य हो रहा है, 'लव जेहाद' भी उसी मानसिकता की उपज है। भारत के मुसलमान अगर इस कार्य में शामिल हों तो उन्हें मुसलमान ही न माना जाए। जागरण अभियान में शामिल अवधेश सिंह कहते हैं कि एक दर्जन से भी अधिक मामले अभी तक देश में आए हैं।