Move to Jagran APP

तीनों एंबुलेंस खराब, दवाइया भी नहीं

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : मोहन तिवारी की मौत के लिए एक हद तक जिम्मेदार पीएचसी की इतनी बदतर

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 06:21 PM (IST)
तीनों एंबुलेंस खराब, दवाइया भी नहीं

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : मोहन तिवारी की मौत के लिए एक हद तक जिम्मेदार पीएचसी की इतनी बदतर व्यस्था कभी नहीं हुई थी। उसे रेफर करने के काफी देर बाद भी एंबुलेंस नहीं मिल सकी। पीएचसी के सूत्रों के अनुसार सबसे पुरानी एंबुलेंस, जो विधायक रहते राजाराम सिंह ने उपलब्ध करायी थी, वह खराब पड़ी है। वह गैरेज की शोभा बढ़ा रहा है। दूसरी सरकार से उपलब्ध 102 गया गैरेज में खुद बीमार पड़ी हुई है। तीसरी एंबुलेंस जो सासद रहते महाबली सिंह ने उपलब्ध करायी थी, उसकी सेवा दो साल में भी शुरू नहीं हो सकी है। खराब और शोभा की वस्तु बने एंबुलेंस को जब तक सड़क पर दुरुस्त कर परिचालन नहीं कराया जाता ऐसी मौतें होती रहेंगी। उधर पीएचसी प्रबंधक प्रेम प्रकाश दिवाकर ने बताया कि सीएस ने दो महीने बाद अब जाकर निर्देश दिया है। पत्र उपलब्ध हो गया है। शीघ्र ही खराब पड़ी एंबुलेंस बना ली जाएगी और वह सेवा उपलब्ध रहेगी। सासद निधि से प्राप्त एंबुलेंस के बारे में बताया कि जिला स्वास्थ्य समिति भी रिस्क लेना नहीं चाहती। इसके परिचालन प्रारंभ करने में करीब पौने तीन लाख का खर्च है। परिवहन विभाग से निबंधन नहीं है न ही एमवीआइ से जरूरी कागजात बनाए गए हैं जिस कारण खड़ी है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इस एंबुलेंस के परिचालन के लिए आवश्यक मानव संसाधन भी उपलब्ध नहीं है। गत कई साल से इस पीएचसी की बदतर स्थिति बनी हुई है। लगता है जिला प्रशासन किसी बड़ी घटना की प्रतीक्षा कर रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.