'आक्सीजन' के बिना जाएगी जान
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद :
चिकित्सक एवं कर्मियों की हड़ताल के कारण शुक्रवार को मरीज परेशान रहे। चिकित्सक डयूटी पर आए परंतु सेवा नहीं दी। रात्रि की घटना से सभी चिकित्सक आक्रोशित थे।
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. तपेश्वर प्रसाद ने इमरजेंसी सेवा बहाल रखने का आदेश दिया था परंतु चिकित्सकों ने नहीं माना। पूरे दिन मरीज अस्पताल पहुंचते रहे परंतु इलाज नहीं हुआ। अस्पताल गेट पर गार्ड से कई बार मरीज के परिजन भिड़ गए। करीब 11 बजे गुड़िया सिंह अस्पताल पहुंची। गुड़िया को आक्सीजन की दरकार थी। आक्सीजन के बिना दम फूल रहा था। गार्ड को आग्रह कर अस्पताल के अंदर पहुंची परंतु चिकित्सकों ने आक्सीजन नहीं लगाया।
गुड़िया की स्थिति बेहद खराब थी। उसने आक्सीजन लगाने के लिए चिकित्सकों एवं कर्मियों से गुहार लगाई। शिवगंज से पहुंची मीना देवी एवं शांतु कुमार कुत्ता काटने पर सुई लेने पहुंचे थे। शहर के शाहपुर अखाड़ा से सविता मिश्रा ब्लड चढ़ाने पहुंची थी। सविता को ब्लड की जरूरत थी परंतु चिकित्सक एवं कर्मी इंकार चले गए। फेसर थाना के देवरिया गांव से पहुंची रूमी प्रवीण को सांस लेने में परेशानी थी। वह अस्पताल गेट पर इलाज के लिए चिल्लाती रही परंतु कोई नहीं सुना।
करमा से पहुंचे रामाशीष यादव एवं कठरी के राजेश सिंह को बुखार लगा था। दोनों सुबह 8 बजे अस्पताल पहुंच गए थे। चिकित्सकों के हड़ताल पर रहने के कारण इलाज संभव नहीं हो सका। चिकित्सक एवं कर्मियों के हड़ताल का नेतृत्व कर रहे कर्मचारी नेता सुरेंद्र पांडेय, रामकुमारी देवी, वशिष्ठ सिंह, विजय कुमार, ब्लड बैंक कर्मी सुरेंद्र कुमार ने कहा कि जब तक हमारी मांगें मान नहीं ली जाती हड़ताल जारी रहेगा।
अस्पताल में हम सभी सेवा देते हैं परंतु इनाम के बदले पिटाई मिलती है। गुरुवार रात्रि को बेवजह का हंगामा किया गया। युवक आपस में लड़कर अस्पताल पहुंचे थे। सभी का इलाज हो रहा था परंतु युवकों ने चिकित्सक एवं कर्मियों की जमकर पिटाई की।