नक्सली बंदी से ठहर गया औरंगाबाद
जेएनएन, औरंगाबाद :
भाकपा माओवादी नक्सलियों के घोषित बिहार बंद का गुरुवार को औरंगाबाद में व्यापक असर रहा। नक्सलियों के भय से बाजार बंद रहे और सड़कों पर वाहन नहीं चले।
वाहन नहीं चलने से पूरे दिन यात्री परेशान रहे। टेंपो का सहारा लेकर यात्री किसी तरह अपने गंतव्य तक पहुंचे। औरंगाबाद के रामाबांध एवं दानी बिगहा बस स्टैंड में सन्नाटा रहा। बस स्टैंड से झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के शहरों के अलावा देव, मदनपुर, अंबा, कुटुंबा, नवीनगर, रफीगंज, गोह एवं गया के लिए वाहन नहीं खुला।
सड़क पर यात्री वाहनों का इंतजार करते दिखे। नक्सली बंद का असर गोह, देव, केताकी, बालूगंज, नवीनगर, अंबा, कुटुंबा, देवरिया, संडा, रामनगर, बड़ेम, बैरिया एवं माली बाजार में देखा गया। भय का असर यह रहा कि नवीनगर, टंडवा, केताकी, बालूगंज, माली, बड़ेम एवं देव प्रखंड में कार्यरत दो दर्जन राष्ट्रीयकृत बैंकों में भी ताला लटका रहा। पंजाब नेशनल बैंक देव, नवीनगर, टंडवा, केताकी, मध्य बिहार ग्रामीण बैंक देव, बालूगंज, नवीनगर, कोआपरेटिव बैंक देव, नवीनगर एवं सेंट्रल बैंक नवीनगर बंद रहा। बंद से करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ। बैंक ग्राहक पूरे दिन परेशान रहे।
नक्सलियों के भय का आलम यह रहा कि कोई बैंक अधिकारी बंद के मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए। बंदी से टंडवा एवं नवीनगर उपडाकघर तक नहीं खुला। बसों का परिचालन नहीं होने से यात्री परेशान रहे। रामाबांध के अलावा प्रखंड के बस स्टैंडों में पूरे दिन यात्री बस के इंतजार में बैठे रहे। जीटी रोड के दक्षिणी इलाके की सड़कों पर टेंपो का परिचालन भी ठप रहा।
एसडीपीओ अजय नारायण यादव ने बताया कि बंदी को लेकर पूरे जिले में पुलिस गश्ती बढ़ा दी गई है। पुलिस चौकस है एवं नक्सली इलाके में पूरे दिन छापामारी होती रही। नक्सलियों के भय का आलम यह रहा कि नवीनगर, टंडवा, माली, बैरिया, देव, बालूगंज एवं केताकी में दुकानदार अपनी दुकान भी देखने बाजार नहीं आए।