सशकित हैं प्रमुख के खिलाफ एकजुट सदस्य
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : प्रखंड प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले बारह पंचायत समिति सदस्य एकजुट है मगर सशकित भी। उच्च न्यायालय से बाईस सितंबर तक बैठक की तिथि तीस सितंबर के अंदर की तय करने का निर्देश मिला है। इसके बावजूद प्रमुख के दावेदार अनिता देवी को यह डर सता रहा है कि फिर कोई तिकड़म कर मामले को प्रमुख अखिलेश सिंह टाल न दें। राजनीति का गणित गड़बड़ाने का जिस तरह तिकड़म किया जाता है उसमें हाई कोर्ट के फैसले के बाद एक और संभावना विपक्ष को दिखती है। अनिता देवी, प्रमोद कुमार चंद्रवंशी, निर्भय कुमार एवं अन्य का कहना है कि 21 सदस्यीय पंचायत समिति में 12 अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में हैं। प्रमुख की कुर्सी का जाना तय है। ऐसे में हाई कोर्ट का आदेश कि 22 तक प्रमुख तिथि तय कर दें उनके लिए समस्या है। वे अल्पमत में हैं इसलिए कोर्ट गये निरर्थक तर्क के साथ। कहा कि अब प्रमुख एक चाल चल सकते हैं कि अपने विरोधी खेमे के चार या इससे अधिक सदस्यों का त्यागपत्र फर्जी हस्ताक्षर से तैयार कर लें और बैठक के दिन वोटिंग के समय इन सदस्यों को वोट करने से रोक दें। तब यह तर्क देंगे कि ये तो सदस्य हैं ही नहीं। अब ऐसे में मामला फिर कोर्ट में चला जायेगा और वे प्रमुख बने रह जायेंगे। हस्ताक्षर फर्जी या सही साबित करने में ही वक्त लग जायेगा। अगर ऐसा हुआ तो सदन में 21 के बदले चार के फर्जी इस्तीफे के बाद सदस्यों की संख्या 17 बचेगी तो प्रस्ताव पारित कराने के लिए नौ की संख्या चाहिए जो प्रमुख के साथ है और विपक्ष के पास संख्या बल मात्र आठ रह जायेगा। ऐसी आशका को देखते हुए यह गुट न्यायालय और राज्य निर्वाचन आयोग को अग्रिम सूचना दे सकता है। इसकी तैयारी भी है। उधर प्रमुख का कहना है कि आशका निराधार है। तिथि कब तय करेंगे के सवाल पर कहा कि-'अभी फाइल नहीं आया है।'