मत लो तुम वृक्षों की जान, धरती होगी रेगिस्तान
जागरण प्रतिनिधि, दाउदनगर (औरंगाबाद) : विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर कहीं सरकारी चहलकदमी नहीं दिख रही है। विवेकानंद मिशन स्कूल में 5 वृक्षों को लगाने के साथ ही लगभग डेढ़ महीने तक वृक्षारोपण अभियान इस दिन प्रारंभ होगा। मनरेगा के तहत वृक्षारोपण अभियान की स्थिति संतोषजनक नहीं है। योजना को दुरुस्त करने के लिए भ्रष्टाचार रोकना होगा। प्रशासनिक पहल पर प्रखंड परिसर में 'कायनात बाग' बनाया गया था, इस बाग में अब घास भी नहीं उगते। मनरेगा की योजना से वृक्षारोपण अभियान चला। तमाम तरह के लूट खसोट की शिकायतें मिली, पर कार्यक्रम पदाधिकारी जयदेव कुमार कुछ नही कर सकें। एकाधिक पंचायतों को छोड़ दें तो कहीं भी इस अभियान पर किए गए खर्च के अनुपात में वृक्ष नहीं दिखते। खुद पीओ अरई एवं सिपहां में किये गये वृक्षारोपण की प्रशंसा करते हैं। बाकी पंचायतों में इस मुद्दे पर प्रशंसनीय कार्य नहीं किये गये हैं। निजी तौर पर अनुमंडल में सबसे बड़ा वृक्षारोपण अभियान विवेकानंद मिशन स्कूल ने चलाया है। संस्था के निदेशक डा. शंभूशरण सिंह ने बतया कि वर्ष 2000 में विवेकानंद की पुण्यतिथि पर 'सद्भावना माह' का आयोजन किया गया। अधिकारिक तौर पर 'विवेकानंद सद्भावना उद्यान' की नींव रखी गयी।
पर्यावरण संरक्षण : कुछ नारे
* मत लो तुम वृक्षों की जान, धरती होगी रेगिस्तान।
* साइकिल चलाओ, पर्यावरण बचाओ।
* प्रदूषण हटाओ, बीमारी भगाओ।
* निजी वाहनों को कम चलाओ, पर्यावरण को प्रदूषण से बचाओ।
* वृक्ष भूमि का गहना है, जन-जन का यही कहना है।
* वृक्ष का धरा है श्रृंगार, इनसे करो तुम सदा प्यार।
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