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आखिर क्यों भारत के इन सांपों पर है चीन की नजर, जानिए हकीकत

चीन में सांपों के सूप व मांस का सेवन किया जाता है। सांपों के जहर से दवाएं बनती हैं। इनकी चमड़ी व हड्डियों आदि से कई प्रकार की चीजें बनती हैं। इन सांपों की खूब तस्करी हो रही है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 27 Apr 2017 08:49 AM (IST)Updated: Thu, 27 Apr 2017 11:43 PM (IST)
आखिर क्यों भारत के इन सांपों पर है चीन की नजर, जानिए हकीकत
आखिर क्यों भारत के इन सांपों पर है चीन की नजर, जानिए हकीकत

अररिया [शत्रुघ्न यादव]। भारतीय सांपों पर इन दिनों चीन (ड्रैगन) की खास नजर है। चीन में सांपों के सूप व मांस का सेवन किया जाता है। सांपों के जहर से दवाएं बनती हैं। इनकी चमड़ी व हड्डियों आदि से कई प्रकार की चीजें बनती हैं।

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कई प्रकार के सांपों का उपयोग सेक्स पॉवर की दवाएं बनाने में भी होता है। चीन में सांपों की इस मांग को देखते हुए तस्कर भारतीय जंगलों से सांपों की तस्करी कर उन्हें चीन भेज रहे हैं। 

सीमा पर सक्रिय एजेंट तस्करों और संपेरों से इन सांपों को खरीदकर उन्हें चीनी खरीदारों के पास भेजते हैं। हाल के दिनों में एसएसबी ने कई बार अलग-अलग इलाकों से दुर्लभ सांप जब्त किए हैं। एसएसबी सूत्रों के अनुसार चीनी एजेंट सांपों की तस्करी में संपेरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

एसएसबी 56वीं बटालियन के कार्यकारी समादेष्टा अजय कुमार कहते हैं कि सांपों की तस्करी रोकने के लिए एसएसबी मुस्तैद है। इसकी तस्करी में संलिप्त लोग बख्शे नही जाएंगे। हालिया दिनों में एसएसबी ने कई जगहों पर सांपों की बरामदगी भी की है। इनमें करोड़ों रुपये मूल्य के दुर्लभ रेड सैंड बोआ सांप भी शामिल हैं। 

काठमांडू और भारतीय शहरों से मॉनीटरिंग

भारतीय सांपों की दुर्लभ प्रजातियों को नेपाल के रास्ते चीन भेजा जाता है। सीमा क्षेत्र में इस काम के लिए तस्करों के कई गिरोह सक्रिय हैं। चीन के कई एजेंट काठमांडू और भारत के बड़े शहरों से इस काम की निगरानी करते हैं। गनगुआर (बैंडेड करैत या दोमुहां), करैत, अधसर, कोबरा आदि सांपों की चीन व आसपास के देशों में भारी मांग है। चीन के व्यापारी इन सांपों को पड़ोसी देशों में भी भेजते हैं। 

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लालच का भी सहारा

तस्कर खेल दिखाकर गुजर-बसर करने वाले भारतीय संपेरों को रुपये का लालच देकर उनसे सांप खरीद लेते हैं। बाद में उन्हें चीनी एजेंटों के हवाले कर देते हंै। संपेरे से कुछ हजार रुपये में खरीदे गये सांप नेपाल से आगे जाते ही लाखों का हो जाता है। 

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पांच किलोग्राम के सांप की अधिक मांग

जानकार बताते हैं कि पांच किलोग्राम के सांप की अधिक मांग है। चीन पहुंचते ही सांपों का जहर निकालकर उसे दवा और ड्रग्स बनाने के लिए बेच दिया जाता है। महंगे चीनी रेस्तरां में सांप के डिश लोकप्रिय हैं। 


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