सत्य कभी पराजित नहीं होता: आशीष आनंद जी महाराज
अररिया। ज्ञान बल सबसे बड़ा बल होता है। शारीरिक बल तो क्षणिक है। ज्ञान बल के सहारे जीवन के
अररिया। ज्ञान बल सबसे बड़ा बल होता है। शारीरिक बल तो क्षणिक है। ज्ञान बल के सहारे जीवन के हर मुकाम पर सफलता व विजय प्राप्त किया जा सकता है। यह बातें सोमवार को बथनाहा के बीरपुर चौक के निकट आयोजित दो दिवसीय सत्संग के समापन में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बालयोगी आशीष आनंद जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि सत्य वह है जो कभी पराजित नहीं होता, जिसका कभी विनाश नही होता और जिसे अधिक देर तक छुपाया नहीं जा सकता। जिस प्रकार आकाश में उदीप्यमान सूर्य को कभी कभी बदलियां ढक तो लेती है मगर सूर्य के तेज के आगे अधिक देर तक टिक नहीं पाती। ठीक उसी प्रकार कुछ धूर्त सत्य को ढकने का क्षणिक दु:साहस तो कर लेते है मगर अधिक देर तक उसे छुपा नहीं पाते। उन्होंने कहा कि हर अच्छी लगने वाली वस्तु अपनी नहीं हो सकती। इसलिए लोभ, माया में फंसकर मनुष्य को अपना समय बर्बाद करने के सिवाय कुछ प्राप्त नहीं होता। प्रभु की भक्ति ही मुक्ति का एक मात्र माध्यम है। प्रभु को प्राप्त करने के लिए मोह माया से बाहर निकल सबसे पहले अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण करना जरूरी है। सत्संग का प्रारंभ रविवार को हुआ था। सत्संग में मुरली बाबा, गिरजानन्द साह, गुलाब दास व अन्य लोगों ने भी अपना भजन एवं प्रवचन रखा। सत्संग के समापन में फारबिसगंज के विधायक विद्यासागर केशरी उर्फ मंचन केसरी ने भी उपस्थित जनों को संबोधित किया। सत्संग के आयोजन में सियाराम मेहता, सत्यनारायण मेहता, चंदन मेहता आदि ने अहम भूमिका निभाई। मौके पर सैकड़ो की संख्या में दूर दराज से पंहुचे श्रद्धालु भक्तजनों में महिलाएं, बच्चे एवं बुर्जुगों की अच्छी संख्या थी। मौके पर भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष मनोज झा, सुभाष साह दयानंद साह, संजय मेहता, नितिश मेहता, लक्षमी गुप्ता सहित अन्य लोग मौजूद थे।