बहुत होगा नाम, इस बार तो भैया कीजिए सालिड काम
अररिया। इस बार के नगर परिषद चुनावों का आखिरी अध्याय लिखा जा रहा है। फारबिसगंज और अर
अररिया। इस बार के नगर परिषद चुनावों का आखिरी अध्याय लिखा जा रहा है। फारबिसगंज और अररिया स्थित मतगणना केंद्रों के बाहर बड़ी संख्या में लोग विकास और स्वच्छता के जरिए शहर वासियों के मान-सम्मान की बात कर रहे थे। ऐसे में फारबिसगंज नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष और विख्यात फ्रीडम फाइटर बौकाय मंडल जैसी शख्सियत की याद स्वाभाविक तौर पर आ गई। बौकाय बाबू की याद के बीच जन-इच्छा भी बारबार यह ध्यान में दे रही थी कि हर चुनाव के पहले लोग सफाई, विकास व जनता को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की बात करते हैं। लेकिन चुनावों के बाद वादा पूर्ति का मापदंड बदल जाता है।
मान-सम्मान को ले रेलवे को दे दी थी इंजन नीलामी की नोटिस
बात अगर बौकाय मंडल की करें तो फारबिसगंज में कई पुराने लोगों ने बताया कि एक बार यात्रा के दौरान शहर के कुछ लोगों को रेलवे स्टेशन पर दिक्कत हुई तो उन्होंने नपाध्यक्ष के पास इस बात की शिकायत की। उन्होंने रेलवे अधिकारियों से कहा लेकिन बात नहीं सुनी गई। इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए बौकाय बाबू ने रेलवे इंजन पर ही नीलामी का इश्तहार चिपका दिया। क्योंकि रेलवे के पास हो¨ल्डग टैक्स मद में ढेर सारा बकाया था। तो ये था स्वाधीनता संग्राम में तपे तपाए एक नेता का जज्बा..। लेकिन आज..? अब तो चुनाव परिणाम सामने आ गए हैं और जनता को शहर के कचरे से निजात चाहिए। गंदा पानी निकासी के नाम पर हुई लूट का भी हिसाब चाहिए।
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पार्षदों के परफार्मेंस से आम जन में निराशा का भाव
मतगणना केंद्र के बाहर खड़े एक बुजुर्ग की बात सुनिए तो साफ लगता है कि आम जन के बीच वार्ड पार्षदों के परफार्मेंस से निराशा का भाव है। ..ई लोग क्या करेगा विकास। उन्होंने कहा कि कहता है कि फंड लाने में खर्च होता है तो हम लोग क्या करेंगे? ..तो आंदोलन कीजिए न। लेकिन इतना तो जरूर कीजिए कि पक्की पीसीसी सड़क ऐसा बनवाइए कि छह महीना साल भर में टूट नहीं जाए। गंदगी से तो निजात दिला सकते हैं न? तो क्यों नहीं दिलाते? ठोस कचरा निष्पादन की व्यवस्था क्यों नहीं करते? शहर वासियों को तो सरकार के स्तर से अब तक पीने का साफ पानी भी मयस्सर नहीं हो पाया है, उसका इंतजाम क्यों नहीं कर पाते? बहुत नाम होगा भैया, इस बार तो कुछ सालिड काम करके दिखाइए।