'दस बजे से बढ़ता गया पानी, घर छोड़ते गए लोग'
ंअररिया। सोमवार की रात से परमान का कहर फिर जारी है। रात के दस बजे से शुरू हुई पानी
ंअररिया। सोमवार की रात से परमान का कहर फिर जारी है। रात के दस बजे से शुरू हुई पानी बढ़ने की रफ्तार धीरे धीरे तेज होती जा रही है। पानी के बढ़ते रफ्तार से लोगों में दहशत व्याप्त होता जा रहा है। वहीं हजारों लोग घर से बेघर हो गये हैं। सुबह होते ही अररिया प्रखंड के दर्जनों गांवों के लोग उंचे स्थानों की तलाश में लग गये। दियारी के बघैला टोला, घाट टोला कोशकीपुर, बेलवा का नया टोला, फटकन टोला, टप्पू टोला के कई लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। कई ऐसे टोले हैं जहां जाने के लिए एक मात्र सड़क उपलब्ध है। लेकिन पानी के दबाव में सड़क का संपर्क भी भंग हो गया है। जबकि बांसबाड़ी, उससे सटे शहरी क्षेत्र के डम्हैली, मरिया टोला, खरैया बस्ती वार्ड संख्या 12, 13, 29, 20 के दर्जनों घरों में पानी पहुंच गया है। टोलों में बह रही पानी की तेज रफ्तार से कच्चे घरों को भारी मात्रा में नुकसान शुरू हो गया है।
बेलवा के ग्रामीण रउफ, सादाब, जरीना, सोयेब आदि ने बताया कि रात के नौ बजे तक स्थिति उतनी भयावह नही थी। खाना खाकर लोग अपने अपने घरों में सो गये। सुबह के पांच बजे जब लोगों की नींद खुली तो आंगन व बरामदे पर पानी भरा हआ था। पानी की रफ्तार ने लोगोँ को घर छोड़ने के लिए विवश कर दिया।
बेलवा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मसूद आलम, आपदा कमेटी के सदस्य जफर आलम ने बताया कि नया टोला जाने के लिए सड़क भी नही है। टोले में रह रहे करीब पांच सौ लोग बाढ़ के पानी से चारों ओर से घिर गये हैं। उन्होंने प्रशासन से अविलंब बाढ़ पीड़ितों को राहत के साथ सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की मांग किया है। वहीं घाट टोला कोशकीपुर के रउफ, नौशाद, कलाम, मुस्ताक आदि ने बताया कि बीते पंद्रह दिनों ने उनकी बस्ती में बाढ़ से तबाही मच रही है। लेकिन अब तक प्रशासन स्तर पर कोई सुविधा उपलब्ध नही हो पाई है। जबकि इस गांव के अधिकांश लोगों का जीवन यापन मजदूरी पर निर्भर है। जिला मुख्यालय तक उन लोगों को तीन से चार घंटे का समय लगता है। एक ही नदी पर दो तीन जगहों पर नाव से पार करना पड़ता है। बाढ़ की भयावह स्थिति के कारण लोग मजदूरी करने के लिए भी निकल पा रहे हैं।