उच्च स्तरीय जांच से खुलेगा मनरेगा में घपला का राज
अररिया। प्रखंड क्षेत्र के खोरागाछ पंचायत के मनरेगा के मात्र चार योजनाओं के जांच में लाखों रूपय
अररिया। प्रखंड क्षेत्र के खोरागाछ पंचायत के मनरेगा के मात्र चार योजनाओं के जांच में लाखों रूपये की घपला का उजागर हुआ है यदि सिकटी प्रखंड के चौदह पंचायतों में उच्च स्तरीय जांच किया जाय तो शायद करोड़ों रुपये का घपला का मामला प्रकाश में आ सकता है । खोरागाछ पंचायत के वार्ड नंबर 14 में अधिकारियों के मिली भगत से मुसाअली के घर से कबरगाह तक 7 ;58लाख का योजना वित्तीय वर्ष 2015 -16 में चलाया गया जिसमें बिना एमबी किये छह लाख छियालीस हजार रूपये का निकसी कर लिया गया । इसी योजना में मनरेगा के अधिकारियों के मिली भगत से तीन तीन योजना चलाई गई । वहीं खोरागाछ पंचायत के वार्ड नंबर दस में दो योजना की जांच में लाखों रूपये की घपला का उजागर हुआ है । खोरागाछ पंचायत के वार्ड नंबर 14 व दस में मात्र चार योजनाओं का हीं जांच किया जाय जिसमें लाखों रूपये का घपला उजागर हुआ है यदि सिकटी प्रखंड के चौदह पंचायतों का यदि उच्च स्तरीय जांच किया जाय तो करोड़ का घपला उजागर हो सकता है । इधर डीआरडीए निदेशक शंभू कुमार व बीडीओ चंदन कुमार चक्रवर्ती के जांच के बाद मनरेगा कर्मियों में हड़कंप मच गया है । इस संबंध में बीडीओ चंदन कुमार चक्रवर्ती ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजने के बाद जिलाधिकारी द्वारा इसी मामले के तहत जिला बुलाया है । इधर बीडीओ चंदन कुमार चक्रवर्ती ने बताया कि मनरेगा के योजनाओं में बीना एमबी का पैसा निकासी नहीं किया जा सकता है, लेकिन जिन चारों योजनाओं का जांच किया गया है, उस योजनाओं में बीना एमबी किये राशि निकासी कर लिया है । तथा एक योजना में एमबी से अधिक राशि का निकसी कर लिया गया है ।बीडीओ श्री चक्रवर्ती ने बताया कि जिलाधिकारी के द्वारा खोरागाछ पंचायत में योजनाओं की अभिलेखों का भी जांच का निर्देश दिया गया है, लेकिन बीडीओ ने बताया कि योजनाओं में अभिलेख भी नहीं खोला गया है । तथा जांच के दौरान पता चला कि बीना काम किये राशि का निकसी कर लिया गया है । इधर मनरेगा पीओ रतन कुमार ने बताया कि इस मामले को खारिज कर दिया है । उन्होंने कहा कि डाटा आपरेटर विधान झा द्वारा गलत आरोप लगाया है । ज्ञात हो कि मनरेगा के बैठक के दौरान मनरेगा पीओ रतन कुमार खोरागाछ पंचायत के वार्ड नंबर 14 व दस में योजना का इंटरी के लिए कह रहा था, विधान झा ने बिना काम के इंटरी करने से इंकार कर दिया जिस पर मनरेगा पीओ रतन कुमार ने डाटा आपरेटर को वीरमीत कर दिया तथा विधान झा ने इस मामले का आवेदन जिलाधिकारी को दिया जिलाधिकारी के निर्देश पर डीआरडीए निदेशक शंभू कुमार व बीडीओ चंदन कुमार चक्रवर्ती के जांच के बाद लाखों रूपये का घपला उजागर हुआ है । यदि चौदह पंचायतों में मनरेगा के योजनाओं का जांच किया जाय तो करोड़ों रुपये का घपला उजागर हो सकता है ।