शराबबंदी का आफ्टर इफेक्ट यह भी, मां के लालच की सजा भुगत रहे मासूम बच्चे
शराबबंदी के बाद माफिया तत्व शराब तस्करी के लिए महिलाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं गिरफ्तार भी हो रही हैं। इनकी सजा इनके नौनिहालों को मिल रही है।
अररिया [जेएनएन]। शराबबंदी के बाद माफिया तत्व शराब तस्करी के लिए महिलाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं गिरफ्तार भी हो रही हैं। जोगबनी में कुछ दिन पहले चंद पैसों की लालच में एक महिला किसी के लिए शराब ला रही थी। इस दौरान उत्पाद पुलिस ने उसे दबोच कर जेल भेज दिया।
लेकिन किसी को क्या पता था कि वह एक छोटे से बच्चे को घर पर छोड़ कर शराब लेने गयी थी। जेल जाने के दूसरे दिन से ही उसक बच्चा मां के लिए व्यग्र हो उठा। परिजनों ने किसी तरह कोर्ट का सहारा लेकर उसके बच्चे को जेल के अंदर उसके बच्चे को मां तक पहुंचाया।
खुली दुनिया के बदले जेल की कोठरी में कसक रहा बचपन
जिस बालपन को खुली दुनिया में चहकते नजर आना चाहिए, उसे अपनी मां के साथ जेल की काली कोठरी में बंद होना पड़ रहा है। पिछले माह ही अररिया आरएस ओपी क्षेत्र के प्रभाती नगर से पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में उसे जेल भेज दिया था। आसपास के लोगों ने महिला के तीन छोटे छोटे बच्चों की दुहाई उसे छोड़ देने की दुहाई दी। लेकिन कानून से बंधी पुलिस महिला को नही छोड़ पायी। अन्त में महिला के तीनों बच्चों को उनके दादी व अन्य लोगों को संभालना पड़ा।
यह कहानी केवल जोगबनी एवं प्रभाती नगर की महिला की नही है। बल्कि एक साल के अंदर शराब के मामले में कई ऐसी महिलाएं गिरफ्तार हुई जिनके पास छोटे छोटे बच्चे थे। किसी ने अपने बच्चों को घर में ही छोड़कर जेल गयी तो कई ने अपने बच्चे को ही जेल में मंगवा ली।
35 महिलाएं हुई है चिन्हित
35 शराबी महिलएं भी की गयी है चिन्हित शराब बंदी के एक वर्ष में उत्पाद विभाग एवं थाना पुलिस ने करीब 52 महिलाएं को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जबकि जिले में 35 ऐसी महिलाओ को चिन्हित किया गया है जो शराब की आदी हैं। जानकारी के अनुसार चिन्हित महिलाओं में भी कई ऐसी है जिनके पास छोटे छोटे बच्चे हैं। ऐसी महिलाएं अपने पति के साथ शराब का कारोबार करने के साथ साथ पीने का भी काम करती है।
जेल की काली कोठरी में कट रही 8 बच्चों की जिंदगी
शराब के मामले में सोमवार तक मंडल कारा अररिया में 242 लोग जेल में बंद हैं। जिसमें 19 महिलाएं भी शामिल हैं। जबकि आठ दिन पूर्व तक जेल में महिलाओं की संख्या 24 थी। इन महिलाओं के साथ आठ बच्चे भी शामिल हैं। ये बच्चे अपनी मां के साथ ही जेल में जीवन यापन कर रहा है। इन बच्चों में कई ऐसे है जिनकी मां हत्या की सजा काट रही है तो कई अन्य विवाद में।
हालांकि जेल प्रशासन इन बच्चों का ध्यान रख रही है। लेकिन जिन बच्चों को खुले वातावरण में किलकारियां लगाना था, वही आज जेल की सलाखों के बीच कैदियों की आपराधिक चरित्र को देखने के लिए विवश है।
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क्या कहते हैं एसपी
एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने बताया कि कानून सबके लिए बराबर है। कानून के तहत ही महिलओं को जेल भेजा जा रहा है। लेकिन महिलाओं को शराब के कारोबार या अन्य किसी प्रकार के अपराध से बचना चाहिए। ताकि मां के साथ उनके बच्चों को भी जेल जाने की नौबत नही आये।
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एसपी ने बताया कि कई महिलाएं अपने पति के रोजगार को आगे बढ़ाने के लिए इस धंधे से जुड़ जा रही है तो कई गरीबी में शराब के धंधे में संलिप्त हो जाती है। ऐसी महिलाओं के बीच जागरूकता फैलाने की जरूरत है।
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