अतिथियों ने दैनिक जागरण को बताया देश का सांस्कृतिक राजदूत
अररिया: दैनिक जागरण द्वारा आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में पहुंचे अररिया के सुधी श्रोताओं व प्रायोजकों
अररिया: दैनिक जागरण द्वारा आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में पहुंचे अररिया के सुधी श्रोताओं व प्रायोजकों ने तीन घंटे से अधिक समय तक कार्यक्रम का आनंद उठाया और हास्य की सरिता में डुबकी लगाते रहे। जब कार्यक्रम पर विराम लगा तो यही महसूस हुआ कि लोग सारी रात जमे रहने की मन:स्थिति में थे, लेकिन कवियों को चूंकि आगे के सेंटर पर पहुंच कर अपने हास्य व्यंग्य का जलवा बिखेरना था, इसीलिए दर्शकों को कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे के शब्दों में सांस लेने की जरूरत आन पड़ी, यूं कहिए कि लंबी सांस लेनी पड़ी। लेकिन आधी रात से थोड़ा पहले संपन्न हुए इस कार्यक्रम के बाद सुखद प्रतिक्रयाओं की झड़ी लग गयी।
विधायक विजय कुमार मंडल ने कहा कि इस प्रकार के कवि सम्मेलनों का आयोजन ग्रामीण इलाकों में भी होना चाहिए, क्योंकि इससे लोगों की सोच का बौद्धिक स्तर बढ़ता है और वे देश दुनिया के ताजा हालात से रूबरू होते हैं। वहीं, स्काटिश पब्लिक स्कूल के निदेशक अनूप कुमार ने कहा कि किसी समाज की मजबूती में उसकी संस्कृति का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान होता है और दैनिक जागरण ने इस कार्यक्रम का आयोजन कर भारत के सांस्कृतिक राजदूत की भूमिका निभाई है। वहीं, आइएचएचएस आकदमी के एस चाम¨लग ने कवि सम्मेलन की प्रशंसा करत हुए कहा कि कवियों की सोच हमेशा काल पात्र की सीमा से परे देखती है और उनके छंद हमेशा देश की दशा और दिशा को तय करते हैं। वहीं, सरस्वती विद्या मंदिर के राज कुमार केसरी ने आयोजन की प्रशंसा की और कहा कि ऐसे आयोजन छोटे शहरों में होने चाहिए। पूर्व विधायक विनाद कुमार राय कवि सम्मेलन में अंत तक जम रहे और जब कार्यक्रम संपन्न हुआ तो वे बरबस बोल पड़े कि सचमुच अछ्वुत लगा। उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण ने जिस तरह भारतीय संस्कृति के संरक्षण व संवर्द्धन में अपनी महती भूमिका निभाई है वह ऐतिहासिक है। जय माता दी कंस्ट्रक्शन के संजय गुप्ता एवं जितेंद्र कुमार ने कार्यक्रम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि ऐसे आयोजन से जुड़ कर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। वहीं, यादव कालेज के प्राचार्य सीताराम पंजियार ने दैनिक जागरण के इस कार्यक्रम को गौरवशाली उपलब्धि बताया और कहा कि इस तरह का कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष होना चाहिए। गर्ल्स आइडियल एकेडमी के निदेशक एमएएम मुजीब ने कहा कि कविता व शेरो-शायरी हमेशा से व्यक्ति की शख्सियत को सजाती रही है और इस कार्यक्रम से भी ऐसा ही होता लगा। अगले वर्ष भी इस तरह का कार्यक्रम होना चाहिए।