रानीगंज में प्रस्तावित जिप मार्केट का निर्माण अधर में
अररिया। जिला परिषद द्वारा रानीगंज में प्रस्तावित मार्केट का निर्माण कार्य अधर में लटकने से संबंधित छ
अररिया। जिला परिषद द्वारा रानीगंज में प्रस्तावित मार्केट का निर्माण कार्य अधर में लटकने से संबंधित छोटे-छोटे कारोबारियों में आक्रोश पनपने लगा है। दुकान देने के नाम पर दुकानदारों से तीन वर्ष पूर्व लिए गये पूर्ण भुगतान के बावजूद जिला परिषद द्वारा उन्हें दुकान का कमरा सुपूर्द नहीं किया गया है। वहीं गत छह माह से निर्माण कार्य भी ठप्प है। लगभग डेढ़ सौ दुकानदारों से करोड़ों रुपये लेने के बावजूद उन्हें दुकान सुपुर्द नही करना एवं निर्माण कार्य रोकने को लेकर उनमें तरह-तरह की शंकाएं भी उत्पन्न होने लगी है।
जिला परिषद अररिया द्वारा तीन वर्ष पूर्व आम सूचना देकर रानीगंज बाजार में सैकड़ों कमरे का मार्केट बनाने के लिए इच्छुक कारोबारियों से आवेदन लिया था। स्थानीय फूटकर दुकानदारों ने उक्त कमरों को हाथों हाथ लेने के लिए आवेदन देकर जिला परिषद अररिया द्वारा मांगी गयी राशि जमा कराया था। किराए के लिए प्रत्येक दुकान के लिए प्रति दुकानदारों से दो से चार लाख रुपये सशर्त जिला परिषद अररिया ने जमा कराये थे। वर्ष 2013 में पूर्ण राशि जमा लेने के बाद प्रस्तावित मार्केट का निर्माण जब आरंभ हुआ तो संबंधित दुकानदारों ने सोचा था कि जल्द ही उनका अपना दुकान होगा। आधा-अधूरा बने दुकानों का निर्माण कार्य छह माह से बंद है। दवा व्यवसायी मनीष जायसवाल, डा. रणवीर ¨सह, सुधीर कुमार मेहता आदि जहां भवन निर्माण कार्य ठप्प होने से काफी आहत हैं वही मो. जमील अंसारी, जफर, रयीस, अजीम आदि जो बेरोजगार है, का कहना है कि वे इस प्रस्तावित मार्केट में रूम के लिए तीन-तीन लाख रुपये अपनी जमीन-जगह बेचकर जिला परिषद अररिया के नाम जमा कराया था। उन सबों का कहना है कि उन्होंने सोचा था कि उक्त मार्केट में अपना दुकान चलाएंगे। परंतु जिला परिषद के इस रवैये से वे काफी आहत है। कहते हैं कई ऐसे भी कामगार है जो दर्जी, धोबी, कहार का काम करते हैं। वे सभी काफी आर्थिक तंगी के बावजूद जिला परिषद अररिया द्वारा निर्धारित राशि को मुख्य कार्यपालक पदा. के नाम जमा कराया था। इन सभी कामगारों, दुकानदारों का कहना है कि जिला परिषद उनके नाम से आवंटित दुकानों को तैयार कर या तो उन्हें जल्द सुपुर्द करें अथवा उनका रुपया उन्हें लौटा दें। संबंधित दुकानदारों का यह भी कहना है कि अगर भवन का निर्माण कार्य जल्द कर किराएदारों को सुपुर्द नही किया गया तो वे अनशन एवं धरना पर बैठेंगे।
जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी अरशद अजीज ने कहा कि काम कर रही एजेंसी को जल्द काम को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। काम जल्द पूरा नहीं करने पर कार्रवाई होगी।