अब बहुरेंगे ताड़ी उतारने वालों के दिन
अररिया। अप्रैल माह से शराब बंदी किये जाने की घोषणा के बाद भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के पासी समुदा
अररिया। अप्रैल माह से शराब बंदी किये जाने की घोषणा के बाद भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के पासी समुदायों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इसकी वजह ताड़ एवं खजूर के पेड़ पर चढ़ कर ताड़ी उतारने वालों के दिन अब बहुरने वाले हैं। इन समुदायों को उस वक्त तब खुशी मिली थी, जब पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बिहार में पहली बार सत्ता संभालते ही ताड़ी पर लगने वाले टैक्स को खत्म किया था। इससे पूर्व बिहार में ताड़ी पर टैक्स भी लिए जाते थे। लेकिन श्री प्रसाद ने टैक्स फ्री कर पासी समुदाय को एक बड़ी राहत दी थी। बाद में कृत्रिम नशे के चंगुल में आवाम कें फंसते हीं प्राकृतिक नशे के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले ताड़ी की बिक्री प्रभावित हो गई। जानकारों की माने तो शराब बंदी के बाद नशा का सेवन करने वाले लोगों झुकाव ताड़ी ओर होगा और इसकी बिक्री बढ़ेगी। नतीजतन ताड़ी बेचने वालों के तरक्की का मार्ग प्रशस्त होने की पूरी संभावना बनती दिखने लगी है। जिससे पासी समुदाय के लोग अभी से ही अपने दिन फिरने के सपने देखने शुरु कर दिए है और उसकी बांछे खिल गई है। मटियारी पंचायत के ताड़ी विक्रेता बसंत चौधरी ने बताया कि लालू प्रसाद एवं नीतीश कुमार की जोड़ी इस बार हमारी समुदायों के लिए वरदान लेकर आया है। उन्होंने नीतीश कुमार के इस कदम की प्रशंसा की। चुल्हाय चौधरी, उमेश चौधरी, नरेश चौधरी, उपेंद्र चौधरी, टुनटुन चौधरी, दिनेश चौधरी, दिलीप चौधरी, प्रदीप चौधरी, राजेश चौधरी आदि ने भी मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना की। पासी समुदाय के लिए इससे अच्छी खबर और क्या हो सकती है।