लक्ष्य से अधिक धान की खरीद, फिर भी किसान फकीर
अररिया। सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद के दिए गए लक्ष्य के आंकडे़ को एसएफसी पर
अररिया। सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद के दिए गए लक्ष्य के आंकडे़ को एसएफसी पर कर गया है। सरकार ने इस बार एसएफसी को किसानों से सीधे तौर पर एवं पैक्सों के माध्यम से साढ़े चार लाख क्विंटल धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य दिया था। इसके मुकाबले विभाग द्वारा किसानों से 5 लाख 35 हजार क्विंटल धान खरीदा गया। लेकिन दर्जनों किसान समर्थन मूल्य के भुगतान से वंचित हैं। रुपये के अभाव में किसान धान रोपनी नहीं कर पा रहे हैं। इसमें ऐसे किसान शामिल हैं जो विभाग द्वारा निर्धारित समय तक पैक्सों के माध्यम से एसएफसी को धान नहीं दे सके थे। ऐसे धान की मात्रा करीब 62 हजार क्विंटल है। अवशेष धान का नाम देकर एसएफसी ने पैक्सों को उससे चावल तैयार करवा कर विभाग को मुहैया कराने का टास्क दिया है। इसके लिए इन पैक्सों को 30 जून से बढ़ा कर 31 जुलाई तक का समय दिया गया है। चावल तैयार कर एसएफसी को देने के बाद ही उसे समर्थन मूल्य का भुगतान किया जाएगा।
एक मिलर की जब्त हो सकती है बैंक गारंटी
जिले में धान से चावल तैयार करने के लिए 14 मिलरों को राज्य खाद्य निगम ने निबंधित किया। इन्हें 30 जून तक ही चावल तैयार कर उपलब्ध कराना था। अब तक मिलरों पे 1500 क्विंटल चावल ही दिया है। जबकि इन्हें पांच लाख क्विंटल धान दिया गया था। जिले के एक मिलर द्वारा एसएफसी को चावल नहीं दिया गया है।
कहते हैं एसएफसी जीएम:
विभाग ने लक्ष्य से अधिक धान की खरीद की है। अवशेष धान से चावल तैयार कर पैक्सों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। मिलरों को भी 31 जुलाई तक तैयार चावल उपलब्ध कराना है। लापरवाही बरतने वाले एक मिलर को चिह्नित किया गया है। उसकी बैंक गारंटी जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
कहते हैं को-ऑपरेटिव अध्यक्ष:
कॉपरेटिव अध्यक्ष अली रजा का कहना है कि अवशेष धानों का समर्थन मूल्य किसानों को पैक्सों के माध्यम से ही दिया जाना है। लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से विलंब हो रहा है।