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आश्चर्य : अरबों खर्च, शुद्ध पानी को तरस रहे लोग

मुख्य बातें - पानी के नाम पर व्यवस्था हुई पानी पानी -68 साल में भी अररिया वासियों को नहीं मिल पा

By Edited By: Published: Sat, 23 May 2015 05:25 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2015 05:25 PM (IST)
आश्चर्य : अरबों खर्च, शुद्ध पानी को तरस रहे लोग

मुख्य बातें

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- पानी के नाम पर व्यवस्था हुई पानी पानी

-68 साल में भी अररिया वासियों को नहीं मिल पाया शुद्घ पेयजल

-ग्रामीण पेय जल आपूर्ति योजना फ्लाप

जागरण संवाददाता, अररिया : लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं चलाई गई। अरबों रुपये पानी के नाम पर फूंक दिए गए। लेकिन आजादी के 68 साल बीतने के बावजूद यहां के लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हुआ।

भ्रष्टाचार सबसे बड़ा कारण

अस्सी के दशक में यहां के गांवों में ग्रामीण जलापूर्ति व्यवस्था शुरू की गई थी। किंतु, भ्रष्टाचार के कारण योजना फ्लाप हो गयी। योजना के नाम पर ठेकेदारों व कुछ नेताओं की जेब खूब गर्म हुई। 2005 में सिकटी, कुर्साकाटा, गीतवास, बसैटी व भरगामा सहित सात स्थानों पर जलमीनार बना कर लोगों को शुद्ध पानी देने की योजना बनायी गई। किंतु, लोगों को आज तक एक बूंद जल मयस्सर नहीं हो पाया। जिला मुख्यालय, अररिया आरएस, फारबिसगंज, जोगबनी आदि शहरों में भी जलापूर्ति योजना की हालत जर्जर व बेकार बनी हुई है।

पिछले साल से तुलना करें तो शुद्ध पेय जल मुहैया करवाने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। दीगर है कि विभागीय संचिकाओं में ढेर सारी योजनाओं का जिक्र मिल जाएगा, लेकिन हकीकत जानना हो तो सिकटी ्रप्रखंड के पोठिया महादलित टोले में या ऐसे ही कई और टोलों में चले जाइए। पोठिया महादलित टोले के कई लोग आज भी शुद्ध पेय जल से वंचित हैं।

क्या है परेशानी

-सही योजनाओं को लागू नहीं किया जाना

-योजनाओं के क्रियान्वयन में व्याप्त भ्रष्टाचार

-विभाग के पास सही डाटा बेस की कमी

-आम जन के बीच जागरूकता की कमी

बाक्स

योजनाएं जो चलाई गई

-शहर बाजार में जल मीनार की व्यवस्था

-कोसी अमृत पेय जल योजना

-स्कूलों में टेरा फिल्टर का प्रावधान

-ग्रामीण चापाकलों में आयरन रिमूवर सेट का प्रावधान

-सोलर चालित पेय जल टंकी का निर्माण

-गरीबों को नि:शुल्क चापाकल का प्रावधान

-सार्वजनिक स्थानों पर सरकारी चापाकल का प्रावधान


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