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स्वयं के सुधार से ही समाजिक सुधार संभव: बालयोगी

फारबिसगंज (अररिया) संसू: मानव के व्यक्तिगत सुधार से ही समाजिक बुराईयां समाप्त की जा सकती है। ये बाते

By Edited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 01:09 AM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 04:06 AM (IST)
स्वयं के सुधार से ही समाजिक सुधार संभव: बालयोगी

फारबिसगंज (अररिया) संसू: मानव के व्यक्तिगत सुधार से ही समाजिक बुराईयां समाप्त की जा सकती है। ये बाते शहर के वार्ड एक में आयोजित दो दिवसीय संतमत सत्संग शिविर में 12 वर्षीय बाल योगी आशिष आनंद जी महराज ने बतायी।

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अब तक करीब पाच सौ स्थानों पर अपने प्रवचन से संतों का मन मोह लेने वाले बालयोगी ने बताया कि वे दसवीं के छात्र है। उन्होंने बताया कि मात्र साढ़े तीन वर्ष की आयु से उन्होंने प्रवचन देना शुरू कर दिया था। खगड़िया जिले के गौराशक्ति गांव में जन्में श्री आनंद के प्रवचन को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोगों का आना उनके इस अद्भूत प्रवचन शक्ति को सत्यापित करता है। उन्होंने कहा कि समय के अनुरूप मानव में बदलाव आवश्यक है। आज के आधुनिक युग में लोग भौतिक वादी प्रवृतियों के तरफ भले ही ज्यादा आकर्षित हो रहे हो किंतु धर्म का वास्तविक स्वरूप उन्हें संतमत से ही प्राप्त हो सकता है। इस अवसर पर संतमत सत्संग केन्द्र में कार्यक्रम आयोजक अरूण बाबा, विश्व विजय सिंह, परमानंद दास आदि उपस्थित थे।

विजय

चैती छठ संपन्न, उदीयमान सुर्य को दिया अर्घ

फोटो 26 एआरआर 81

कैप्श्न- सुर्य को अर्घ देते श्रद्धालु

फारबिसगंज (अररिया) संसू: लोक आस्था का चार दिवसीय पर्व चैती छठ गुरूवार की सुबह उदीयमान सुर्य को अर्घ देने के साथ सम्पंन हो गया। छठव्रति महिला पुरूष जल में खड़े होकर भगवान भाष्कर की आराधना के साथ मंगलकामना की। इस मौके पर विभिन्न छठ घाटो पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। इससे पूर्व नियम निष्ठा पूर्वक चार दिवसीय चैती छठ का अनुष्ठान श्रद्धालुओं किया जा रहा था। छठ घाटो पर छठ के गीतो से वातावरण भक्मिय बना हुआ था। इस अवसर पर लोगो ने अहले सुबह श्रद्धालुओ के द्वारा स्नान ध्यान कर छठ घाटो पर पहुंचकर उदीयमान सुर्य भगवान को जल अर्पण किया।


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