कोसी टप्पू में पशुचोरी से कोहराम, किसान हलकान
प्रवीण गोविन्द, अररिया : जिले के नरपतगंज प्रखंड में किसी वक्त कोसी बहती थी। कोसी तो चली गयी, लेकिन
प्रवीण गोविन्द, अररिया :
जिले के नरपतगंज प्रखंड में किसी वक्त कोसी बहती थी। कोसी तो चली गयी, लेकिन उसके निशान अब भी टप्पुओं के रूप में मौजूद हैं। जंगलों एवं कोसी की मृत धाराओं से भरे इन टप्पुओं में अब भी मवेशी चोरों का राज चलता है। उनके आतंक की वजह से किसान कराह रहे हैं। इसके बावजूद पुलिस पशुचोरों के नेटवर्क को भेद नहीं पा रही है। यह भी सच है कि मवेशी चोरी के अधिकांश मामले पुलिस के पास पहुंचते ही नहीं।
पिछले कुछ वक्त से इस इलाके में हो रही मवेशी चोरी की घटनाएं यह साबित करती हैं कि पशुचोर यहां के किसानों के लिए किस कदर आतंक बने हुए हैं। निश्चय ही पुलिस को यह पता लगाना चाहिए कि मवेशी चोरी की घटनाएं पुलिस के पास क्यों नहीं आती। यह भी कि मवेशी चोरों को कौन संरक्षण देता है।
मवेशी चोरी की हालिया घटनाएं
-महेशपट्टी के राजेंद्र कामैत की आठ भैंस व पड़रू की चोरी
-महानंद कामैत की दो गाय की चोरी
-बंगाली टोला के विमलानंद भुसकुलिया की तीन भैंस की चोरी
-पंडितजी टोला के अमरनाथ झा की तीन भैंस की चोरी
-गंगा प्रसाद साह के दो जोड़ा बैल की चोरी
जाहिर है कि मवेशी चोरी की बढ़ रही सक्रियता ने किसानों का जीना मुहाल कर दिया है। आलम यह है कि पशु चोर के भय से किसान पुलिस के पास रिपोर्ट तक नहीं करते हैं।
किस बात का है डर
किसानों के बीच सबसे बड़ा डर यह है कि अगर उन्होंने पुलिस को बता दिया तो मवेशी नहीं मिलेगा अन्यथा दलालों के जरिए पैसा देकर मवेशी वापसी की संभावना बनी रहती है। हालांकि ऐसे कई मामलों में पुलिस किसानों की शिकायत पर ध्यान भी नहीं देती। वहीं किसानों को मवेशी चोर गुंडों के द्वारा परेशान किए जाने का भय बना रहता है। 24 फरवरी को जब महेशपट्टी के राजेंद्र कामैत के घर चोरी हुई तो चौकीदार ने सूचना के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की।
मवेशी चोरों को होता है सफेदपोशों का संरक्षण
जानकारों की मानें तो इस इलाके में मवेशी चोरों को कुछ भ्रष्ट राजनेताओं का संरक्षण हासिल है। संरक्षण के बदले उन्हें चोरों द्वारा हर महीने बंधी बंधाई रकम मिलती है। पुलिस अगर किसानों को त्राण दिलाना चाहती है तो उन्हें सक्रिय चोरों के साथ सफेदपोशों के नेटवर्क को भी भेदना होगा।
कोट
एक चोरी की सूचना मिली थी। लेकिन लिखित आवेदन नहीं मिला। मुझे इस बारे में कोई सूचना नहीं है। हालांकि कल ही छुट्टी से लौटे हैं।
रत्नेश कुमार जमादार
थानाध्यक्ष, घुरना
-----
बाक्स
चौपहिया वाहन की मदद से मवेशी चोरी
अररिया, जासं: यह अजीब लगता है लेकिन पूरी तरह सच है कि यहां के मवेशी चोर अपनी मोबिलीटी बढ़ाने के लिए सफारी व स्कार्पियो जैसे वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। पुलिस द्वारा नरपतगंज में लगभग दो माह पहले पकड़े गए एक पशु चोर ने इस बात का खुलासा किया था कि कैटल लिफ्टिंग के धंधे में चौपहिया का इस्तेमाल होता है, ताकि पुलिस या ग्रामीणों द्वारा पीछा किए जाने की हालत में भागने में सुविधा हो सके।
------
बाक्स
बोतू बकरों की खुलेआम होती चोरी
अररिया, जासं: मवेशी चोरों ने इन दिनों बोतू बकरों व सांढ़ को टारगेट बना रखा है। नरपतगंज में पकड़ा गया चोर बोतू बकरों की ही चोरी करता था। उसने पुलिस को बताया कि बोतू बकरे गांवों में कान काट कर वंश वृद्धि के लिए छोड़ दिए जाते हैं। इनका कोई मालिक नहीं होता और आम तौर पर ये सड़क किनारे बैठे रहते हैं। चोर ने अपने बयान में यह भी बताया कि इनकी चोरी सेफ है, क्यों कि इनका कोई मालिक नहीं होता और पकड़े जाने पर कोई शिकायत करने भी नहीं आता। यही हालत सांड़ के मामले भी है।