लापरवाह कर्मी अंजाम भुगतने को रहें तैयार
अररिया, संसू: एक ओर सरकार किसानों की बेहतरी एवं कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए योजना बनाकर निरंतर
अररिया, संसू: एक ओर सरकार किसानों की बेहतरी एवं कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए योजना बनाकर निरंतर प्रयासरत है वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग के निष्क्रियता के चलते सरकारी योजनाएं धरातल पर नहीं उतर रही है। न ही किसानों को अपेक्षाकृत लाभ प्राप्त हो रहा है। अररिया कृषि कार्यालय परिसर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत आयोजित देा दिवसीय कृषि यांत्रीकरण मेला के उद्घाटन के मौके पर मेला में किसानों की दयनीय स्थिति पर पूरी तरह नाराज दिखे। जिला पदाधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह ने मेला का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया। जिला पदाधिकारी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि जिनके लिए मेला लगाया जाता है वही मेला में नही आए। इससे ज्यादा और खराब क्या हो सकती है। मेला केवल कृषि विभाग के पदाधिकारी, कर्मी एवं यंत्र विक्रेता के लिए नही लगाया जाता है। मेला का आकर्षण तो किसान भाई है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा जो कर्मी ठीक से काम नही करते हैं उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाए। जिले में 4 करोड़ का यांत्रीकरण बिक्री का लक्ष्य है लेकिन मात्र 40 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति निराशाजनक है। डीडीसी अरशद अजीज ने कृषि कर्मियों से गांव में आकर किसानों को जागरूक करें तभी लक्ष्य की प्राप्ति संभव है। प्रचार प्रसार की कमी से भी किसान मेला नहीं पहुंच पाये हैं। संयुक्त निदेशक गुलाब यादव ने कहा कि प्रखंड में भी स्थिति बेहतर नही है। अभी 3200 परमीट के विरुद्ध में 1600 परमीट ही किसानों के द्वारा यंत्र खरीदने के काम आया। आज भी 1600 परमीट किसी न किसी के पाकेट में है। जिला कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष का ये पांचवा मेला है। अंतिम मेला 21, 22 मार्च को लगेगा। उन्होंने किसानों से मेला का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आवाह्न किया। बढ़ती जनसंख्या के लिए अनाज उपलब्ध कराना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने भी निचले स्तर के कृषि कर्मी से कार्य पद्धति में सुधार लाने को कहा। मेला में परियोजना निदेशक आत्मा शिवदत्त सिंहा, सहायक निदेशक उद्यान अशोक कुमार साह, कृषि वैज्ञानिक डा. पंकज कुमार, डा. जावेद इद्रीश, प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष जियाउल्लाह, कृषि परामर्शी कुमारी रजनी, कृषि सलाहकार फिरोज आलम एवं हीरा खां आदि मौजूद थे।