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कमाई करोड़ों में, सुरक्षा पर खर्च कौड़ी भी नहीं

अररिया, जागरण संवाददाता: लोग तो दुधारू गाय की लताड़ खाने को भी तैयार रहते हैं। दूध दुहते वक्त उसे सहल

By Edited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 07:02 PM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 07:02 PM (IST)
कमाई करोड़ों में, सुरक्षा पर खर्च कौड़ी भी नहीं

अररिया, जागरण संवाददाता: लोग तो दुधारू गाय की लताड़ खाने को भी तैयार रहते हैं। दूध दुहते वक्त उसे सहलाया पुचकारा भी जाता है। लेकिन कटिहार जोगबनी रेल खंड में सबसे अधिक राजस्व देने के बावजूद अररिया कोर्ट स्टेशन विभागीय उपेक्षा का शिकार है। यात्री सुरक्षा व सुविधा के मामले में पूरी तरह फिसड्डी और प्रताड़ित।

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स्टेशन का एडीएम टेलीफोन लंबे अरसे से खराब

यात्रियों व रेलकर्मियों की सुरक्षा के प्रति इससे बढ़ कर और क्या लापरवाही हो सकती है कि इस स्टेशन पर कार्यरत कर्मियों को यह पता ही नहीं चलता कि कौन सी ट्रेन यहां किस वक्त गुजरेगी। दिल्ली जाने वाली सीमांचल हो या फिर कोलकाता जाने वाली चितपुर एक्सप्रेस जैसी गाड़ियां, यात्री स्टश्ेान से उत्तर बनी रेल गुमटी पर जाकर ट्रेन की लोकेशन जानते हैं। क्यों कि स्टेशन का एडीएम टेलीफोन लंबे अरसे से खराब पड़ा है।

कोर्ट स्टेशन पर कार्यरत एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि एडीएम टेलीफोन अक्सर खराब रहता है।

स्टेशन पर नहीं है सुरक्षा की कोई व्यवस्था

सबसे चिंता की बात तो यह है कि करोड़ों की कमाई देने वाले इस स्टेशन पर यात्री व रेलकर्मियों की सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। यहां न तो रेल थाना है और न ही आरपीएफ जवानों की परमानेंट पोस्टिंग। उन्होंने बताया कि आरपीएफ वाले कभी कभी पूर्णिया से भेजे जाते हैं। लेकिन वे बगैर किसी हथियार के होते हैं। जबकि स्टेशन पर प्रतिदिन दस हजार से अधिक यात्री व लोग आते जाते हैं। ट्रेन में पाकेटमारों की गतिविधि हमेशा ही सामने आती रहती है।

यात्री सुरक्षा के मुद्दे पर आम लोग चिंतित

रेलवे स्टेशन व परिसर में यात्री सुरक्षा के प्रति बरती जा रही लापरवाही से आम जन चिंतित हैं। व्यवसायी टिंकू भगत की मानें तो रेल गाड़ी में अक्सर पाकेटमार यात्रियों को परेशान करते हें। लेकिन उन्हें पकड़ने वाला कोई नहीं रहता। उन्होंने कहा कि सात आठ साल पहले माडल स्टेशन का भवन बना। तबसे यात्री स्टेशन पर रात भी बिताने लगे हैं,लेकिन उनकी सुरक्षा भगवान के भरोसे ही होती है।


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