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हर रोज हो रही आरजू ए शराब, रोज तौबा, रोज नीयत खराब

आमोद, संवाद सूत्र, अररिया अररिया जैसे इलाके के लिए यह अविश्वसनीय जरूर लगता है। लेकिन है यह कड़वा सच

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 07:12 PM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 07:12 PM (IST)
हर रोज हो रही आरजू ए शराब, रोज तौबा, रोज नीयत खराब

आमोद, संवाद सूत्र, अररिया

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अररिया जैसे इलाके के लिए यह अविश्वसनीय जरूर लगता है। लेकिन है यह कड़वा सच। अररिया के पियक्कड़ों ने सात महीने में सवा 21 करोड़ से अधिक की शराब पी है। यानी प्रतिदिन 10 लाख रूपये से अधिक की शराब।

विभागीय आंकड़े बताते हैं कि इस साल के पहले सात माह में 21 करोड़ 27 लाख रूपये की शराब बिकी है। केवल अक्टूबर माह की बात करें तो जिले के लाइसेंसी दुकानों से विभाग को 3 करोड़ 17 लाख 25 हजार रूपये राजस्व की प्राप्ति हुई है। जो निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 108 प्रतिशत है। देसी शराब व अवैध तरीके से बनी शराब की बिक्री को इसमें शामिल कर दें तो यह आंकड़ा चालीस करोड़ के पा चला जायेगा।

बिक्री में हो रही है अप्रत्याशित वृद्धि

वित्तीय वर्ष 2013 -14 लक्ष्य प्राप्त करने के लिये काफी एड़ी चोटी की थी, लेकिन मात्र 14 करोड़ का राजस्व ही मिल पाया था, जो लक्ष्य का 64.5 प्रतिशत था। लेकिन इस वित्तीय वर्ष में प्रत्येक माह लक्ष्य से अधिक राजस्व की प्राप्ति हो रही है। उत्पाद अधीक्षक अश्रि्वनी कुमार ने बताया कि विभाग लक्ष्य से अधिक राजस्व की उगाही कर रही है। लेकिनं संसाधन की कमी परेशानी का सबब बनी है।

युवाओं में बढ़ा शराब का क्रेज

युवाओं में शराब का सेवन यहां का ताजा फैशन है। समाज चुप है, लेकिन संस्कार जब रोकता है तो शराब नहीं पीने की कसमें खायी जाती है। लेकिन हालत यह है कि रोज तौबा के बावजूद अगले दिन फिर नीयत खराब हो जाती है। सुनसान जगह हो या फिर हाईवे, दिन के बारह बजे से ऐसे स्थानों पर पियक्कड़ युवाओं का जमावड़ा आराम से दिख जायेगा। शराब गांवों में भी पहुंच गयी है। श्मशान में भी कई लोग शराब पीते हैं।

क्या कहते हैं एसपी

एसपी विजय कुमार वर्मा ने बताया कि शराब पीने से मानसिक विकृति आती है। लेकिन अपराध बढ़ाने में शराब की भूमिका सही सिद्ध नही होता है। यदि ऐसा होता तो विकसित शहरों में भी शराब की खपत बहुत ज्यादा हो रही है। लेकिन छोटे शहरों की तरह वहां अपराध नही होता है।

क्या कहते हैं चिकित्सक

चिकित्सक डा.मोईज ने बताया कि शराब में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है। अल्कोहल शरीर के लिये हमेशा हानिकारक होता है। शराब सीधे तौर पर लीवर को प्रभावित करता है। लीवर प्रभावित होने के बाद लोगों की शारीरिक स्थिति भी कमजोर होने लगता है।


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