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..तो कागजों पर बढ़ रही गरीबों की संख्या

अररिया, जागरण संवाददाता: अररिया में सोमवार को एक ग्रामीण टेलीविजन के लिए डिश टीवी को रिचार्ज करवाने

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 09:14 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 09:14 PM (IST)
..तो कागजों पर बढ़ रही गरीबों की संख्या

अररिया, जागरण संवाददाता: अररिया में सोमवार को एक ग्रामीण टेलीविजन के लिए डिश टीवी को रिचार्ज करवाने आया। भइया, आपको बीपीएल कार्ड है? ..हां है। इलेक्शन वाला कार्ड भी है। गांव से कैसे आये? .. काहे, अपना मोटर साइकिल है न। उसी से आये। घर में शौचालय है? .. नहीं, सोच रहे हैं कि बना लें। जनी-जात को अब दिक्कत होने लगा है। जल्दिये बना लेंगे। यह तस्वीर है सरकारी रिकार्ड में दर्ज अररिया के एक 'गरीब' की। यहां बीपीएल कार्ड सरकारी पैसों की मलाई खाने का जरिया है। जबकि बाइक व डिश टीवी मजबूरी बनी है क्योंकि इनके बिना तो काम नहीं चलेगा न। वहीं, ऐसे लोग भी हैं जिन्हें खाने तक का उपाय नहीं, लेकिन वे एपीएल में हैं या फिर कहीं नहीं हैं।

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दरअसल यह यहां की बहरी व्यवस्था की एक बानगी है, जिसमें कई छेद हैं। इन छेदों की राह से नाजायज पैसा अंदर जाता है और कभी बीपीएल कार्ड तो कभी इंदिरा आवास के रूप में बाहर निकल आता है। प्रशासनिक अधिकारियों को शायद यह देखने की फुरसत नहीं है। क्यों कि उन्हीं की रिपोर्ट कहती है कि अररिया जिले में 6.14 लाख परिवार हैं, जिनमें से 4.12 लाख गरीब हैं। रिपोर्ट को देख कर एक सवाल सहज सामने आता है कि सरकार विगत दो दशक से गरीबी उन्मूलन के नाम पर हर साल अरबों रुपये यहां भेजती है, लेकिन गरीबों की संख्या घटने की बजाय बढ़ती ही क्यों जाती है। जरा इस तालिका को देखिये:

साल बीपीएल परिवारों की संख्या

2010 412063

1997 301432

1992 186000

साफ है कि अरबों की धन राशि खर्च करने के बावजूद गरीबी उन्मूलन योजनाएं कारगर साबित नहीं हुई हैं।

ऐसा क्यों हो रहा? जानकारों की मानें तो गरीबी हटाने के नाम पर प्रारंभ की गयी बीस सूत्री योजना हर सूत्र राजनीति के रंग में रंग कर बेकार साबित हो गया, वहीं, एसजीएसवाई, मनरेगा, इंदिरा आवास योजना सहित अन्य योजनाओं में केवल कागजी आंकड़ों का खेल हुआ। आंकड़ों पर गौर करें तो यही पता चलता है कि ये कागज के घोड़े घास नहीं केवल रुपया खाते हैं तथा पटना से दिल्ली तक दौड़ लगाते हैं। सरकार द्वारा लागू की गयी हर योजना में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त दलाल सक्रिय हैं। यह बात अलग है कि दलालों के इस नेटवर्क को तोड़ पाना बेहद ही मुश्किल है। प्रशासन के लिए शायद यह चुनौती भी है।

बीपीएल आंकड़े (0 से 13 अंक)

प्रखंड बीपीएल परिवार

अररिया 63151

जोकीहाट 51395

पलासी 37365

सिकटी 24921

कुर्साकाटा 22378

रानीगंज 62744

फारबिसगंज 70167

नरपतगंज 45909

भरगामा 34533


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