..और झूम उठे 'छाया' के परिजन
अररिया, संसू: स्वतंत्र ख्याल की डॉ. छाया नंदिनी ने आज पूरे देश में अपनी काया बिखेर दी है। देश ही नही
अररिया, संसू: स्वतंत्र ख्याल की डॉ. छाया नंदिनी ने आज पूरे देश में अपनी काया बिखेर दी है। देश ही नहीं विदेशों में भी डॉ. छाया को लोग सलाम कर रहे हैं। क्योंकि उसने वो कर दिखाया है जिससे अररिया ही नहीं पूरा देश का मान बढ़ाया है। कौन बनेगा करोड़पति के चालू सीजन में डॉ. छाया नंदिनी ने सभी प्रश्नों के जवाब देकर सात करोड़ रुपया जीता है। सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले केबीसी में महानायक अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर बैठी तो मानो पूरे बिहार की नजरे उस पर टिकी थी। दरअसल डॉ. छाया का मायका अररिया में है तो बगहा में उसका ससुराल। केबीसी में डॉ. छाया के इस सफलता पर उनके परिवार में खुशियों की लहर दौड़ उठी। शहर के खरैया बस्ती वार्ड नं. 10 में रहने वाले दिगंबर प्रसाद वर्मा मूल रूप से भागलपुर के शाहकुंड पचकठिया बस्ती के मूल निवासी हैं।
वे 2012 में सिंचाई विभाग के क्लर्क पद से रिटायर हुए हैं। उनकी माता शीला वर्मा मैट्रिक पास है। लेकिन अपनी बेटी को बेटे की तरह पढ़ाने में खूब सक्रियता दिखायी।
शहर के बालिका उच्च विद्यालय से मैट्रिक तथा महिला कालेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा उर्त्तीण हुई है। डॉ. छाया की शिक्षा इसके बाद भागलपुर के एसएम कालेज, पटना का आकाश इंस्टीच्यूट तथा बनारस में बीएचयू विश्वविद्यालय से अगली पढ़ाई पूरी की।
छाया के पिता-माता की जुबानी- वह बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज-तर्रार थी। वह आईएएस बनना चाहती है। शुक्रवार को जब दैनिक जागरण ने उसके मायका वालों को छाया के सफलता की खबर दी तो मानों पिता-माता व छोटा भाई कुमार गौरव, अमित कुमार खुशी में झूम उठे। वर्षो से उसके घर में पारिवारिक सदस्य के रूप में रहनेवाले महावीर चाचा के आंखों में तो खुशियों के आंसू टपक उठे। वे भी कहते हैं कि वह लड़की बचपन से ही खूब पढ़ती थी और उनके पिता कम आमदनी के बावजूद उसके लिए सभी प्रकार के प्रतियोगी किताब, मैगजीन उपलब्ध कराते थे। 1987 में जन्मी छाया का विवाह खुद की मर्जी से 2010 जून माह में देवघर मंदिर में कराया गया। छाया के माता-पिता का घर आलीशान नहीं है, बल्कि सिर्फ रहने लायक है। 2012 में नौकरी से सेवानिवृत होने वाले पिता श्री वर्मा कहते हैं कि आज बेटी ने अपना ही नहीं पूरे परिवार, जिला, राज्य का नाम भी रोशन किया है।