निर्भया बनी वार्डन, सूना पड़ा उसका आंगन
अररिया, संसू: आठ सितंबर को अररिया-बैरगाछी मार्ग पर से वार्डन रंजना वर्मा गायब होती है, और छह दिन बाद 14 सितंबर को रंजना का क्षत-विक्षत अवस्था में शव बरामद किया गया। हत्या तो हुई एक हत्यारा गिरफ्तार भी हुआ। पर क्या वार्डन के साथ घटना को एक व्यक्ति अंजाम दे सकता है? ऐसे कुछ सवाल है जो वार्डन के परिजन आज भी मीडिया कर्मियों से कर रहे हैं। यही नहीं घटना के एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद रंजना के मुहल्ले में मातमी सन्नाटा पसरा है। वार्डन के घर में आज भी परिजन घटना को ले सहमे हुए हैं। पुलिस प्रशासन से यही गुहार लगा रहे हैं कि घटना के असली साजिशकर्ता को बेनकाब किया जाए। हालांकि पुलिस मामले के हर पहलू पर जांच कर रही है। लेकिन तीन दिन पूर्व वार्डन के परिजनों ने पूर्णिया में डीआईजी से मिलकर पलासी पुलिस की जांच पर सवाल उठाया है। परिजन यह केस अररिया थाना को ट्रांसफर करने की गुहार लगा चुके हैं। अररिया की निर्भया बनी वार्डन का आंगन आज सूना पड़ा है। वार्डन की बूढ़ी मां, तीन बहन, पति तथा उसके तीनों बच्चे रंजना वर्मा को याद कर फफक-फफक कर रो देते हैं। कई संगठन संघ ने घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग कर चुके हैं। जबकि एक संगठन ने तो एसपी से मिलकर पुलिस की जांच को संदेहास्पद करार दिया है। घटना के कई दिन तो बीत गए। रहा है कि रंजना को इंसाफ कौन दिलाएगा? स्थानीय लोग तो गिरफ्तार आरोपी के स्वीकारोक्ति बयान को मानने के लिए तैयार नहीं है। बहरहाल मामला जो भी हो लेकिन आज भी घटना को लेकर शहर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।