एसएसए का मन, दिया 12 कमरे का भवन
- मामला पलासी के नवसृजित प्रावि धूमगढ़ महादेवकोल का
- तत्कालीन प्रधानाध्यापक 6.75 लाख लेकर हैं गायब
- बिना डिमांड के एसएसए लगातार देता रहा राशि
- 6.75 लाख गबन के मामले में कार्रवाई शून्य
- एचएम हैं 2006-07 में नियोजित शिक्षक
- विभाग का कारनामा, एक वर्ष में दे दिया तीन चेक
अररिया, संसू: इसे एसएसए अधिकारियों का विकास के प्रति सजगता कहें या फिर इन्हें पैसे की बर्बादी। 140 नामांकित वाले स्कूल में पूरे 12 कमरों के लिए पैसा निर्गत कर दिया। वह भी बिना डिमांड के। यह मामला पलासी प्रखंड क्षेत्र के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय धूमगढ़ महादेवकोल का है। जहां नामांकित बच्चों की संख्या मात्र 140 है। लेकिन उस स्कूल को अब तक भवन निर्माण मद में अब तक करीब 35 लाख रुपया दिया जा चुका है। जिसमें 6.75 लाख रुपया लेकर तत्कालीन हेडमास्टर सुरेन्द्र यादव तीन वर्ष पूर्व ही निकासी कर गायब हो गए। सरकारी राशि लेकर फरार होने वाले तत्कालीन एचएम के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शून्य ही है। उसके बाद मो. अलाउद्दीन प्रधानाध्यापक बने। विभाग ने इनपर भी खूब दया दिखाई। एक ही वर्ष में नौ कमरा निर्माण के लिए करीब 28 लाख रुपया तीन चेक के द्वारा दे दिया। वर्ष 2012 में सात जून को 928875 रुपया, 10 सितंबर को 9.28 लाख तथा फिर आठ दिन बाद ही 18 सितंबर को 9.40 लाख का चेक दे दिया। हालांकि इन तीनों चेक की राशि से काम कराया गया है। इसकी पुष्टि पलासी बीईओ ने की है। अब यहां सवाल उठता है कि क्या तीन माह के भीतर अलग-अलग तीन एडवाइस के द्वारा तीन राशि देना नियमसंगत है? 140 बच्चों के बढ़ने के लिए 12 कमरे की जरूरत है? पैसा लेकर गायब होने वाले एचएम पंचायत शिक्षक है। उनपर अबतक क्या कार्रवाई हुई किसी को कुछ पता नहीं है।
कोट-
यह मामला संज्ञान में आया है। 140 बच्चों वाले स्कूल में 12 कमरों के लिए पैसा देना काफी गंभीर मामला है। पूरे मामले से संचिका के माध्यम से डीएम को अवगत कराया जाएगा।
एस.पी. सिंह
डीईओ, अररिया