ओम नम: शिवाय
सबकी झोली भरते बाबा भोले औघड़दानी
-जमुआ खमगड़ा शिवालय: शिव महिमा का अनुपम केंद्र
फोटो- 30 एआरआर 1
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जुबैर अंसारी, ताराबाड़ी (अररिया): अररिया प्रखंड के जमुआ पंचायत अंतर्गत खमगड़ा गांव की उत्तरी सीमा पर मौजूद हैं साक्षात अढरन-ढरन देवाधिदेव महादेव। सदियों से इस महादेव को जमुआ, खमगड़ा, घरुवारी, दभड़ा, झौवा टोला आदि गांवों का अदृश्य रक्षक माना जाता है। मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का इतिहास अज्ञात है, लेकिन है यह सदियों पुराना। इसके प्रति आम जन की अपार आस्था है। बताया जाता है कि इसकी स्थापना तकरीबन दो सौ साल पहले की गयी थी। गोल गुंबद वाला यह शिव मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र था। इसके ठीक बगल में ही सौराठ सभा जैसी वैवाहिक सभा लगती थी। लेकिन अति प्राचीन हो जाने के कारण जब इसकी दीवारें ध्वस्त हो गयी तो लगभग पंद्रह साल पहले इसका जीर्णोद्धार किया गया। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेम सुंदर झा व उनके परिजनों ने इस कार्य में महती भूमिका निभाई। अब इस मंदिर को अष्टकोणीय व पिरामीड शैली के गुंबद से युक्त बना दिया गया है।
वर्तमान दशा
शिवरात्रि एवं मकर माह के हर रविवार को मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं तथा भगवान भोलेशंकर का जलाभिषेक करते हैं। उनकी सुविधा के लिए मंदिर की बगल में ही तत्कालीन सांसद सुकदेव पासवान के सांसद कोटे से यात्री निवास का निर्माण करवाया गया है। लेकिन शिव गंगा में सीढ़ी घाट नहीं होने से शिव भक्तों को दिक्कत होती है। इस मंदिर के ठीक सामने से प्रग्रासयो के तहत सड़क निर्माण किया जा रहा है, जिससे इसकी कनेक्टिीविटी बढ़ जाएगी।
पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि प्रो.भीम नाथ झा ने बताया कि यह मंदिर ग्रामीणों की गतिविधियों का केंद्र है तथा सड़क बन जाने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि वे लोगों की मदद से इस प्राचीन मंदिर को पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनवाने की कोशिश करेंगे।