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बीडीओ की मेहरबानी, नहीं हुई योजनाओं की निगरानी

By Edited By: Published: Sun, 27 Jul 2014 07:59 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jul 2014 07:59 PM (IST)
बीडीओ की मेहरबानी, नहीं हुई योजनाओं की निगरानी

- हाल रानीगंज प्रखंड में चतुर्थ वित्त, 13वीं वित्त व बीआरजीएफ योजनाओं का

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- तत्कालीन व वर्तमान बीडीओ की कार्यशैली पर उठ रही अंगुली

- एसडीओ ने रिपोर्ट गिनाई की क्रियान्वयन में हुई गलतियां

अररिया, जा.सं. : रानीगंज में बीडीओ की मेहरबानी से नहीं हुई योजनाओं की निगरानी। तत्कालीन व वर्तमान बीडीओ की ऐसी मेहरबानी कि अभिलेखों के संधारण में भी नियम-कानून ताक पर रख दिए गये। यही कारण रहा कि चतुर्थ वित्त योजना, बीआरजीएफ व 13वीं वित्त की आयोग की योजनाओं के क्रियान्वयन में भारी अनियमितता सामने आयी है। एसडीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में बीडीओ व कनीय अभियंता की कार्यशैली पर टिप्पणी की है।

जानकारी अनुसार रानीगंज में योजनाबद्ध तरीके से सरकारी योजनाओं का गला घोंट दिया गया। डीएम के निर्देश पर जब एसडीओ संजय कुमार ने जांच शुरू की तो योजनाओं के क्रियान्वयन की सच्चाई सामने आयी। हालांकि अभी जांच पूरी नहीं हुई है लेकिन जितने योजनाओं की जांच हुई उसकी सच्चाई हैरान करने वाली है। यहां कई योजनाएं कागजों में ही निपटाने की कोशिश की गयी। मसलन पचीरा पंचायत अंतर्गत योजना संख्या 17/2013-14 में बलाल के घर के निकट से इब्राहिम अली के दरवाजे तक पीसीसी सड़क का निरीक्षण 06 जुलाई को किया गया। लेकिन यहां काम शुरू नहीं किया गया। इतना ही नहीं ही कार्यस्थल पर कोई सामग्री भी मौजूद नहीं था। एसडीओ के अनुसार स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां योजना संबंधी बोर्ड दो-तीन दिन पूर्व लगाया गया था। जबकि योजना के अभिकत्र्ता मधुरेंद्र कुमार सिंहा द्वारा 10 फरवरी 2014 को प्रथम अग्रिम तथा दिनांक 10 अप्रैल 2014 को द्वितीय अग्रिम कुल 2 लाख 7 हजार 500 रुपए निकासी कर लिए गये। योजना संख्या 09/2013-14 में मझुआ पश्चिम पंचायत में आदिवासी बस्ती में बनाए गये कार्यालय भवन में जमकर गुणवत्ता से खिलवाड़ किया गया। जबकि इस योजना मद में 08 जुलाई 2013 को ही पूर्ण अग्रिम का भुगतान ले लिया गया। 13वीं वित्त योजना संख्या 66/2013-14 पंचायत समिति क्ष्ज्ञेत्र 05 में उमवि के निकट से सहादुर मंडल के घर तक पीसीसी सड़क निर्माण का भुगतान काफी पहले ले लिया गया। जबकि आज तक सड़क के फ्लैंक में मिट्टी तक नहीं भरा गया। ऐसी कई योजनाएं हैं जहां जमकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया।

एसडीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया है कि योजनाओं के क्रियान्वयन में अभिकत्र्ता द्वारा विभागीय निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया तथा कार्य प्राक्कलन के अनुरूप गुणवत्ता पूर्ण नहीं कराया गया।

तत्कालीन व वर्तमान बीडीओ की रही मेहरबानी

कनीय अभियंता सह अभिकत्र्ता मधुरेंद्र कुमार सिंहा पर तत्कालीन बीडीओ ललन ऋषिदेव व वर्तमान बीडीओ नित्यानंद पांडेय की खास मेहरबानी रही। एसडीओ ने बताया कि अभिलेखों के संधारण में विभागीय दिशा-निर्देशों का अनुपालन दोनों ही बीडीओ द्वारा नहीं किया गया। यही नहीं अग्रिम देने में भी जल्दबाजी की गयी। जबकि अग्रिम निर्गत करने से पूर्व योजनाओं का भौतिक सत्यापन किया जाना चाहिए था।


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