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शिक्षा विभाग का खेल, न्यायालय का आदेश फेल

By Edited By: Published: Wed, 16 Apr 2014 09:44 PM (IST)Updated: Wed, 16 Apr 2014 09:44 PM (IST)
शिक्षा विभाग का खेल, न्यायालय का आदेश फेल

जोकीहाट(अररिया)संसू: प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी के लिए हाईकोर्ट का आदेश कोई मायने नहीं रखता है। माननीय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि कोई भी नियोजित शिक्षक प्रशिक्षित शिक्षक के पदस्थापित रहते प्रधानाध्यापक के पद पर नहीं रहेंगे। लेकिन न्यायालय के आदेश की अनदेखी करते हुए कई नियोजित शिक्षक स्कूलों में प्रधानाध्यापक पद पर हैं। सिमरिया पंचायत के उमवि. अरतिया में नियोजित शिक्षिका बीबी सैयदा वर्षो से प्रधानाध्यापक की कुर्सी पर बैठी हैं। जबकि इस विद्यालय में प्रशिक्षित शिक्षक कार्यरत हैं। विद्यालय की कई योजनाओं में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विशिस के अध्यक्ष शाहजहां ,सचिव शाहीन व दर्जनों ग्रामीणों ने डीईओ को आवेदन सौंप कर प्रधानाध्यापक को पद से हटाते हुए गड़बड़ी की जांच की मांग की है। उधर आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि बीईओ गयासुद्दीन अंसारी को कई बार आवेदन दिया गया लेकिन वे प्रअ से मिले हुए हैं। उनपर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। इसलिए आजिज होकर डीईओ को आवेदन सौंप रहे हैं। हालांकि बीईओ ने आरोप को बेबुनियाद बताया है। ज्ञात हो कि मामला काफी तूल पकड़ लिया है। प्रधानाध्यापिका ने सचिव, अध्यक्ष व उनके रिश्तेदार समेत कई ग्रामीणों पर रंगदारी का मुकदमा भी दर्ज करा दिया है। गांव में काफी तनाव है। ग्रामीणों ने बताया कि कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है क्योंकि प्रअ और उनके पति को ले विद्यालय लड़ाई का अखाड़ा बन गया है।


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