टाटा मोटर्स ने 1500 मैनेजर लेवल के अधिकारियों को नौकरी से निकाला
टाटा मोटर्स ने तकरीबन 1500 मैनेजर स्तर के लोगों को काम से निकाल दिया है। इसके साथ ही कुछ का ट्रांसफर कर दिया और कुछ को समय से पहले ही रिटायरमेंट दे दिया गया है
नई दिल्ली (पीटीआई)। टाटा मोटर्स ने तकरीबन 1500 मैनेजर स्तर के लोगों को काम से निकाल दिया है। इसके साथ ही कुछ का ट्रांसफर कर दिया और कुछ को समय से पहले ही रिटायरमेंट दे दिया गया है। कंपनी ने यह कदम ऑर्गेनाइजेशनल रीस्ट्रक्चरिंग के तहत उठाया है। टाटा मोटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्युटिव गुंटर बुत्शेक ने कहा कि कंपनी के कुछ 13 हजार मैनेजरों में करीब 10 फीसद से 12 फीसद (1500 तक) की छटनी की गई है। हालांकि, टाटा मोटर्स की मैनेजमेंट ने साफ किया है कि छंटनी का असर कामगारों की नौकरियों पर नहीं पड़ेगा। बुक्शेक ने यह बात कंपनी के वित्त वर्ष 2016-17 ने नतीजों का ऐलान करते हुए कही है।
इन कंपनियों ने भी हजारों की संख्या में निकाले अपने कर्मचारी:
टाटा मोटर्स भी उन कंपनियों में शामिल हो गई है जो इसी तरह की स्ट्रैटेजी पर काम कर रही है। आपको बता दें टाटा मोटर्स से पहले लार्सन टर्बो ने वित्त वर्ष 2016-17 की पहली छमाही में करीब 14 हजार लोगों की छंटनी की थी। वहीं, HDFC बैंक भी अब तक अपने 10 हजार कर्मचारियों को निकाल चुकी है। आईटी सेगमेंट देश की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर कंपनी में भी 50 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की छटनी की गई थी।
नहीं हुई मिड साइज कर्मचारियों की नौकरी प्रभावित:
टाटा मोटर्स के मैनेजमेंट ने कहा कि मिड साइज के कर्मचारियों की नौकरी प्रभावित नहीं हुई हैं। मैनेजर लेवल के कर्मचारियों की संख्या 14 से कम करके 5 कर दी गई है। टॉप ऑटोमेकर ने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान एक समीक्षा की और पुनर्गठन की संभावनाओं की पहचान की थी।