भारत में BS-III बैन होने के चलते 10 हजार से ज्यादा वाहन प्रभावित हुए: अशोक लेलैंड
अशोक लेलैंड ने शुक्रवार को बताया कि कमर्शियल व्हीकल के 10,664 यूनिट्स सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए BS-III व्हीकल्स बैन के फैसले से प्रभावित हुए हैं
नई दिल्ली (पीटीआई)। अशोक लेलैंड ने शुक्रवार को बताया कि कमर्शियल व्हीकल के 10,664 यूनिट्स सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए BS-III व्हीकल्स बैन के फैसले से प्रभावित हुए हैं। लेकिन कम से कम नुकसान उठाने के लिए कंपनी ने पुराने इंजन को BS-IV में अपग्रेड किया है।
हिंदुजा की फ्लैगशिप फर्म ने कहा कि BS-III इंजन को नए इंटेलिजेंट एग्जॉस्ट गैस रेसिसर्कुलेशन (iEGR) टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के साथ BS-IV स्टैंडर्ड में अपग्रेडेड किया गया है।
अशोक लेलैंड के मैनेजिंग डायरेक्टर विनोद दासारी ने कहा, "BS-III व्हीकल्स के 10,664 यूनिट्स में से 95 फीसद डीलर के पास ना होकर हमारे पास हैं जिसकी वजह से हमे इसमें iEGR टेक्नोलॉजी के साथ अपग्रेड करने में आसानी हो रही है। iEGR टेक्नोलॉजी की फिटिंग कॉस्ट करीब 20,000 रुपए पर इंजन है। मार्केट में इन इंजन को प्रीमियम तौर पर बिक्री के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।"
दासारी ने कहा, "हम इन इंजन को 2 लाख रुपए में बेचेंगे, जबकि BS-III इंजन की कीमत करीब 1.5 लाख रुपए थी। इसलिए BS-III बैन ने हमे कम से कम प्रभावित किया है।"
दासारी ने अभी iEGR टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। लेकिन व्यापार रहस्य का हवाला देते हुए दावा किया है कि BS-IV नॉर्म्स को पूरा करने के लिए यह एक इनोवेटिव सोल्यूशन है। जिसके जरिए हम अपने एच्छिक नतीजे प्राप्त कर सकते हैं।
दासारी ने कहा कि iEGR के साथ BS-IV मानक वाला यह इंजन 10 फीसद तक फ्यूल बचाता है और यह 400 हॉर्सपावर से ज्यादा के इंजनों में इस्तेमाल किया जाएगा। अशोक लेलैंड ने पहले ही पुराने 250 BS-III इंजन को iEGR के साथ BS-IV स्टैंडर्ड में कनवर्ट करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा, "BS-III इंजन को BS-IV में कनवर्ट करने के लिए कम से कम 3 महीने का समय चाहिए। इससे कोई फाइनेंशियल इंपेक्ट नहीं पड़ेगा। बाजार में बिक्री के बाद प्रभावित होने वाले BS-IV वाहनों की चैसी को ठीक किया जाएगा। अशोक लेलैंड साल 2010 से BS-IV मानकों से लैस इंजनों वाले कमर्शियल वाहनों की बिक्री कर रहा है।"
आपको बता दें पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल से BS-III उत्सर्जन नॉर्म्स वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी। इसमें करीब ऑटो फर्म्स के 8 लाख वाहन प्रभावित हुए थे जिनकी कीमत करीब 20 हजार करोड़ रुपए है।
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