नोटबंदी, BSIV और जीएसटी ने खराब किया पुरानी कारों का बाजार: रिपोर्ट
नोटबंदी, बीएसIV के नए नियमों और 1 जुलाई को लागू हुए जीएसटी ने पुरानी कारों के बाजार की कमर तोड़ दी है
नई दिल्ली (पीटीआई)। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले ने पुरानी कारों के बाजार को बड़ा झटका दिया था। कंपनियां इस झटके से उबर पातीं लेकिन उससे पहले बीएसIV के नए नियमों और 1 जुलाई को लागू हुए जीएसटी ने इस बाजार की कमर तोड़ दी। इस सेक्टर की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष में 6 फीसद रही, जिसके 15 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया था। व्हीकल्स की कीमतों से संबंधित रिसर्च प्लेटफार्म इंडियन ब्लू बुक ने अपनी एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में बाजार को बड़े झटके प्रमुख आर्थिक सुधारों नोटबंदी, बीएस-3, बीएस-4 और जीसटी के रूप में लगे। हालांकि इन आर्थिक सुधारों से इस सेक्टर को लॉन्ग टर्म में फायदा होगा।
2 लाख इकाई की आई थी गिरावट:
पिछले वित्त वर्ष में नोटबंदी ने पुरानी कारों का बाजार 2 लाख इकाई गिरा दिया था। इस वक्त पुरानी कारों का घरेलू बाजार 9 फीसद वृद्धि के साथ 36 लाख इकाई है। पिछले वित्त वर्ष में यह 33 लाख इकाई था।
महिंद्रा फर्स्ट चॉइस ने बाजार को बताया फायदेमंद:
महिंद्रा फर्स्ट चॉइस वीइकल्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ नगेंद्र पल्ले ने कहा, 'इन अल्पकालिक झटकों के बावजूद हमारा पूरा मानना है कि बाजार सुधार दीर्घकालिक रूप से संगठित उद्योग के लिए फायदेमंद है। इस अवसर पर पुरानी कारों के बाजार पर रिपोर्ट इंडिया प्री ओंड कार मार्केट का दूसरा संस्करण जारी किया गया।
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