जनरल मोटर्स के डीलर्स कम मुआवजा मिलने से नाराज, कर रहे हैं कंपनी को अदालत में घसीटने की तैयारी
जनरल मोटर्स अपने मौजूदा डीलरों को कम मुआवजे की पेशकश कर रही है जिसके चलते जनरल मोटर्स के डीलर्स ने कंपनी को अदालत में घसीटने की तैयारी कर रहे हैं
नई दिल्ली (पीटीआई)। जनरल मोटर्स ने भारत में इस साल के अंत तक अपने वाहनों की बिक्री बंद करने का फैसला लिया है। इस वजह से कंपनी अपने मौजूदा डीलरों को कम मुआवजे की पेशकश कर रही है जिसके चलते जनरल मोटर्स के डीलर्स ने कंपनी को अदालत में घसीटने की तैयारी कर रहे हैं। भारत में स्थित ज्यादातर डीलर कंपनी के खिलाफ सामूहिक रूप से मुकदमा करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। भारत में जनरल मोटर्स के 96 डीलर्स कंपनी की मुआवजे की पेशकश से नाराज हैं। ये डीलर देशभर में 140 शोरूम चलाते हैं। उनका कहना है कि उन्हें शोरूम में किए गए निवेश के एवज में केवल 12 प्रतिशत मुआवजा की पेशकश की गई है। उनका कहना है कि शोरूम बंद होने से करीब 9,500 लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
GM के डीलरों ने क्या कहा?
जनरल मोटर्स से जुड़े डीलरों का यह भी कहना है कि मौजूदा ग्राहकों के सामने बाद में गाड़ियों के रख-रखाव की समस्या खड़ी होगी। ज्यादातर डीलर्स मानते हैं कि जनरल मोटर्स के भारतीय बाजार से जाने के बाद वह केवल पुराने वाहनों की मरम्मत अथवा रख-रखाव का काम नहीं करेंगे।
FADA ने दिया यह बयान:
फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसियेसन (FADA) के अध्यक्ष जॉन पॉल कुट्टूकरन ने कहा, "करीब 50 डीलर्स ने एसोसिएशन से संपर्क किया है और कंपनी को अदालत में घसीटने की अपनी योजना की जानकारी दी है। हम भी अमेरिका में कंपनी के खिलाफ मामला दायर करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। जनरल मोटर्स काफी बड़ी कंपनी है इसलिए हमें पहले यह देखना होगा कि इस तरह का कदम उठाना व्यवहारिक होगा अथवा नहीं, यदि यह संभव होगा तो हम कदम उठाएंगे।"
कंपनी डीलरों से कर रही है बातचीत:
कुट्टूकरन ने कहा कि एसोसिएशन इस बारे में वकीलों के साथ बातचीत कर रही है। संपर्क करने पर हालांकि, जनरल मोटर्स इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी डीलरों के साथ अलग अलग बातचीत कर रही है और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए योजना बना रही है।
कंपनी दे रही 12 फीसद मुआवजा:
जनरल मोटर्स के एक डीलर के मुताबिक जो देश में दो शोरूम चला रहा है, उसका कहना है कि, "कंपनी 6 करोड़ रुपये की लागत के शोरूम पर 70 लाख रुपये का मुआवजा दे रही है। यह मुआवजा हमारी लागत के हिसाब से करीब 12 फीसद है जो कि काफी कम है। सबसे ज्यादा उन डीलर्स को नुकसान है जिन्होंने अपनी सेल्स और सर्विस आउटलेट्स पर 11-12 करोड़ रुपये खर्च किये हैं।"