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जाट आंदोलन का असर,लगातार दूसरे महीने भी घटी कारों की बिक्री

देश में कारों की घरेलू बिक्री में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई। आरक्षण को लेकर जाटों के आंदोलन और बजट के बाद कीमतों में कटौती की उम्मीद में इस साल फरवरी में ऑटोमोबाइल कंपनियों की कार बिक्री 4.21 फीसद घटकर 1,64,469 यूनिट रही।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Thu, 10 Mar 2016 09:06 PM (IST)Updated: Thu, 10 Mar 2016 09:44 PM (IST)
जाट आंदोलन का असर,लगातार दूसरे महीने भी घटी कारों की बिक्री

नई दिल्ली। देश में कारों की घरेलू बिक्री में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई। आरक्षण को लेकर जाटों के आंदोलन और बजट के बाद कीमतों में कटौती की उम्मीद में इस साल फरवरी में ऑटोमोबाइल कंपनियों की कार बिक्री 4.21 फीसद घटकर 1,64,469 यूनिट रही। पिछले साल की समान अवधि में ऑटो कंपनियों ने 1,71,703 कारें बेची थीं। ऑटोमोबाइल्स कंपनियों के शीर्ष संगठन सियाम की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। जनवरी में भी कारों की बिक्री गिरी थी। दोपहिया और कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में खासा इजाफा हुआ है।

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फरवरी में देश की दिग्गज कार कंपनी मारुति सुजुकी की घरेलू बिक्री 3.94 फीसद घटी है। जबकि इसी दौरान दूसरे नंबर की हुंडई मोटर इंडिया ने 12.7 फीसद कम कारें बेची हैं। कारों के उलट पिछले माह देश में मोटरसाइकिलों की बिक्री 11.05 प्रतिशत बढ़कर 8,59,624 यूनिट हो गई। पिछले साल की समान अवधि में बिक्री का यह आंकड़ा 7,74,122 यूनिट था। फरवरी में दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री 12.76 प्रतिशत बढ़कर 13,62,219 यूनिट हो गई। पिछले साल की इसी अवधि में कंपनियों ने 12,08,084 दोपहिया वाहन बेचे थे।

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सियाम ने कहा कि कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री 19.93 प्रतिशत बढ़कर 62,359 पर पहुंच गई। कंपनियों ने बीते साल के समान महीने में 51,998 कॉमर्शियल वाहन बेचे थे। इसके अलावा सभी तरह के वाहनों की बिक्री फरवरी माह में 11.76 प्रतिशत बढ़कर 17,03,688 यूनिट हो गई। फरवरी, 2015 में सभी वाहनों बिक्री का कुल आंकड़ा 15,24,395 यूनिट था।

सियाम ने घटाया अनुमान

सियाम ने चालू वित्त वर्ष 2015-16 के लिए यात्री वाहनों की बिक्री में वृद्धि का अनुमान घटाकर 6-8 फीसद कर दिया है। इसी तरह अगले वित्त वर्ष के दौरान बिक्री वृद्धि की रफ्तार 11 फीसद रहने की उम्मीद जताई है। अपने अनुमान में कटौती के लिए सियाम ने आम बजट में वाहनों पर लगाए गए चार फीसद तक के इंफ्रास्ट्रक्चर सेस को मुख्य वजह बताई है। दस लाख रुपये से अधिक कीमत वाली लक्जरी कारों की खरीद पर एक फीसद के अतिरिक्त टैक्स ने बिक्री बढ़ने की उम्मीदों को कमजोर किया है।


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